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प्यार और प्रोत्साहन ने नहीं महसूस होने दिया अकेलापन, चंडीगढ़ की टीचर सोनिया ने पति के साथ से दी कोरोना को मात

कोरोना संक्रमण से इंसान के मुंह का टेस्ट और सूंघने की ताकत चली जाती है। ऐसे में अकेलापन और तनाव महसूस होने लगता है। मन में नकारात्मक विचार आते हैं लेकिन आपनों का प्यार और प्रोत्साहन हमेशा इंसान को सकारात्मक बनाए रखता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 01:59 PM (IST)
प्यार और प्रोत्साहन ने नहीं महसूस होने दिया अकेलापन, चंडीगढ़ की टीचर सोनिया ने पति के साथ से दी कोरोना को मात
चंडीगढ़ की अध्यापिका सोनिया पति आशुदीप के साथ कोरोना से ठीक होकर सामान्य जीवन शुरू कर चुकी है। जागरण

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना होने के बाद जब इंसान के मुंह का टेस्ट और सूंघने की ताकत चली जाती है। ऐसे में अकेलापन और तनाव महसूस होने लगता है। मन में नकारात्मक विचार आते हैं लेकिन आपनों का प्यार और प्रोत्साहन हमेशा इंसान को सकारात्मक बनाए रखता है। यह कहना है गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल हाउसिंग बोर्ड कांप्लेक्स में कार्यरत सोनिया सादी का। सोनिया अपने पति आशुदीप के साथ कोरोना से ठीक होकर सामान्य जीवन शुरू कर चुकी हैं। जीवन का हर सेलीब्रेशन पहले की तरह करने लगी हैं। सोनिया ने बताया कि जब उन्हें और उनके पति को कोरोना हुआ तो पति को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा जबकि वह घर में रहीं। पति के जाने के बाद वह घर में बच्चों के साथ अकेली रह गई। जिसके चलते कुछ समय के लिए दिमाग बहुत ज्यादा परेशान हुआ। एक तरफ उनके साथ दो बच्चे थे, जिन्हें कोरोना से दूर रखना था वहीं दूसरी तरफ पति अस्पताल में भर्ती था। 

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बड़े भाई और भाभी का मिला भरपूर सहयोग

सोनिया ने बताया कि मेरा पति मोहाली के अस्पताल में भर्ती थे उनका ध्यान रखने वाला अपना कोई नहीं था। ऐसे में हमारे बड़े भाई हर्षदीप और भाभी अनु जो कि पंजाब के जालंधर में रह रहे थे उन्होंने टेलीफोन करके बात करने से लेकर रोज डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर तय करके अस्पताल में आना शुरू कर दिया। बड़े भाई हर्षदीप रोज अस्पताल में आकर पहले डॉक्टर से पति का हाल पूछते और उसके बाद उन्हें फोन करके हर जरूरत के बारे में जानते। इसके अलावा यदि मैं कभी कमजोर पड़ती तो वह बच्चों की तरह डांटकर प्रोत्साहित करते ताकि मैं हिम्मत करके दोबारा से खड़ी हो सकूं। इसी के साथ मेरे पड़ोस में रहने वालों ने, स्कूल के अन्य अध्यापकों ने भी लगातार फोन करके सलाह देने से लेकर हिम्मत बढ़ाने का काम किया। जिससे मैं घर में, जबकि मेरे पति 11 दिन अस्पताल में रहकर ठीक होकर वापिस घर आ चुके है और हम पहले की तरह जीवन शुरू कर चुके है। 24 मई को पति के जन्मदिन की सेलीब्रेशन हर बार की तरह की। इस बार की सेलीब्रेशन में फर्क इतना था कि कोई हमारे साथ नहीं था बल्कि ऑनलाइन ही सभी सेलीब्रेशन का हिस्सा बने थे।  

कमजोरी दे रही परेशानी, लेकिन विश्वास जल्द करेंगे रिकवर

सोनिया ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद शरीर में थोड़ी कमजोरी है लेकिन जब कोरोना ठीक हो गया तो शारीरिक कमजोरी भी ज्यादा तंग नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हर मुश्किल पर जीत पाना संभव है बशर्ते आपके साथ आपके अपनों का सहयोग हो। 


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