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ग्रैंड मॉस्टर बनने की राह में दिग्गजों को चित करती तारिणी गोयल

सिटी ब्यूटीफुल ने क्रिकेट, हॉकी और फुटबाल जैसी खेलों के कई बड़े खिलाड़ी देश को दिए हैं। अब चेस में भी चंडीगढ़ की एक खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से लगातार सबका ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। सेक्रेड हार्ट स्कूल-26 की छात्रा तारिणी गोयल वूमेन एफआईडीई मास्टर हैं। तारिणी की इंटरनेशनल रैंकिंग 2062 है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 05:10 PM (IST)
ग्रैंड मॉस्टर बनने की राह में दिग्गजों को चित करती तारिणी गोयल
ग्रैंड मॉस्टर बनने की राह में दिग्गजों को चित करती तारिणी गोयल

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : सिटी ब्यूटीफुल ने क्रिकेट, हॉकी और फुटबाल जैसी खेलों के कई बड़े खिलाड़ी देश को दिए हैं। अब चेस में भी चंडीगढ़ की एक खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से लगातार सबका ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। सेक्रेड हार्ट स्कूल-26 की छात्रा तारिणी गोयल वूमेन एफआईडीई मास्टर हैं। तारिणी की इंटरनेशनल रैंकिंग 2062 है।

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महज पांच साल की उम्र से चेस खेलने वाली तारिणी की उम्र अभी 16 साल है, लेकिन उनकी मोहरों की चाल के आगे बड़े-बड़े खिलाड़ी चित्त हो जाते हैं। इतना ही नहीं, तारिणी ने अपनी छोटी बहन अरुणिमा को भी चेस खेलना सिखाया और अभी वह भी राष्ट्रीय स्तर की चेस खिलाड़ी है।

जीत चुकी हैं कई प्रतियोगिताएं : तारिणी गोयल अब तक 13 इंटरनेशनल मेडल जीत चुकी हैं। इनमें चार मेडल एशियन, यूथ चैंपियन फिलीपींस में, एक मेडल एशियन यूथ चैस चैंपियनशिप ईरान में, दो मेडल व‌र्ल्ड यूथ फेयर चैंपिनयशिप साउथ कोरिया में, एक मेडल एशियन यूथ चैंपिनयशिप चाइना में जीता है। इसके अलावा चंडीगढ़ की तरफ से 20 से ज्यादा नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। तीन मेडल नेशनल स्कूल गेम्स में जीते। अंडर-19 नेशनल चैंपिनयशिप में ब्राज मेडल जीता। साल 2016-2017 में दो बार चंडीगढ़ सीनियर चैंपियन। साल 2015,2016,2017 में तीन बार चंडीगढ़ वूमेन चैंपियन रही।

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चैस ही है मेरी दुनिया : तारिणी गोयल ने बताया कि चेस ही मेरी दुनिया है। मैं खाली समय अक्सर चेस खेलती हूं। कई बार तो घटों तक एक ही गेम में उलझी रहती हूं। चेस के खेल में खास बात यह है कि इसमें हर गेम पिछली गेम से अलग होती है, इसलिए आप कभी भी इस खेल से उबते नहीं हैं। कई कंप्यूटर गेम्स हैं जोकि आपको हर खेल में कुछ न कुछ जरूर सिखाते हैं। इसके अलावा मेरी छोटी बहन अरुणिमा गोयल भी राष्ट्रीय स्तर की चेस खिलाड़ी है, इसलिए मुझे चेस खेलने के लिए कभी किसी दूसरे खिलाड़ी की जरूरत नहीं पड़ती है।

बेटी की उपलब्धियों पर है नाज : तारिणी के पिता अशीष गोयल ने बताया कि उन्हें अपनी बेटियों पर उपलब्धियों पर नाज है। तारिणी चेस खेलने में ही नहीं, पढ़ाई में भी अव्वल रहती है। अभी वह केवल 16 साल की है, लेकिन फिर भी उसने चैस की दुनिया में खुद को साबित किया है। मुझे पूरा यकीन है कि वह एक दिन वह जरूर ग्रैंड मास्टर बनकर अपना सपना पूरा करेगी।


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