चंडीगढ़ के शूटर अर्जुन बबूता ने फिर किया शहर का नाम रोशन, 36वीं नेशनल गेम्स में जीता सिल्वर मेडल
चंडीगढ से शूटर अर्जुन बबूता ने एक बार फिर से शहर का नाम रोशन किया है। डीएवी कालेज सेक्टर-10 के स्टूडेंट अर्जुन बबूता ने 36वीं नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित नेशनल गेम्स में यह मेडल अपने नाम किया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ से शूटर अर्जुन बबूता ने एक बार फिर से शहर का नाम रोशन किया है। डीएवी कालेज सेक्टर-10 के स्टूडेंट अर्जुन बबूता ने 36वीं नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित नेशनल गेम्स में यह मेडल अपने नाम किया है।
अर्जुन चंडीगढ़ डीएवी कालेज से एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रहे हैं। अर्जुन ने 10 मीटर राइफल की मेंस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। डीएवी कालेज सेक्टर -10 के शूटिंग कोच डा. अमनिंदर मान सिंह ने बताया कि अर्जुन बेहतरीन शूटर हैं वह पहले भी नेशनल व इंटरनेशनल तरह की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर शहर और कालेज का नाम रोशन चुके हैं।
अर्जुन की उपलब्धियां
- स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
- स्कूल नेशनल गेम्स में इंडविजुअल और टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीते।
- ईरान में आयोजित एशियन एयरगन चैंपियनशिप में 7वें रैंक पर रहे।
- जर्मनी में आयोजित जूनियर शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में 5वें स्थान पर रहे।
- साल 2016 में अजरबैजान में आयोजित आइएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप 2016 में एक गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीता।
- साल 2017 दिल्ली में आयोजित कुमार सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप में यूथ मेन एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, सीनियर मैन इंडविजुअल कैटेगेरी में ब्रांज मेडल और टीम इवेंट ऑफ सीनियर मेन इंडविजुअल कैटेगरी में ब्रांज मेडल जीता।
- साल -2017 जापान में आयोजित 10वीं एशियन एयरगन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।
- साल 2017 चेक रिपब्लिक में आयोजित 27वीं शूटिंग होप्स मीटिंग में सिल्वर मेडल जीता।
- साल 2018 सिडनी में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप में ब्रांज मेडल जीता।
- साल 2019 महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित दूसरे खेलो इंडिया गेम्स में पंजाब की तरफ से खेलते हुए ब्रांज मेडल जीता।
परिजन बोले बेटे पर नाज
अर्जुन के पिता नीरज बबूता और मां विनोद बाला ने बताया था कि उन्हें अपने बेटे से खासी उम्मीदें हैं। यह सब अर्जुन की वर्षों की मेहनत का नतीजा है। अर्जुन भविष्य में देश के लिए ढ़ेर सारे मेडल जीते यही हमारी दुआ है।