कोरोना काल में 28 रैक की लोडिंग कर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन ने बनाया अनोखा रिकार्ड
कोरोना वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल के दौरान श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने के लिए रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का परिचलन किया गया है।
चंडीगढ़, विकास शर्मा। कोरोना काल में जहां रेलवे यातायात पूरी तरह से बंद था, वहीं चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन ने इस मुश्किल समय में भी नया इतिहास रच डाला। जुलाई महीने में रेलवे ने 28 रैक लोड किए जो अपने आप में रिकार्ड है। इससे पहले रेलवे ने कभी इतनी बड़ी संख्या में रैक लोड नहीं किए थे। रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर हरिदीप सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एक महीने में 28 रैक लोड हुए हों।
उन्होंने बताया कि 22 रैक में सिर्फ ट्रैक्टर लोड किए गए, जबकि अन्य छह रैक में दवाइयां व अन्य सामान दूसरे राज्यों में भेजे गए। इसके साथ 20 रैक चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन आए, जिनमें कलपूर्जे, दवाइयां व अन्य स्टील से जुड़ा सामान था। गौरतलब है कि पंजाब के मोहाली और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कई बड़े ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों के प्लांट हैं।
रेलवे कर्मचारियों ने 70 ट्रेनों के कोचों की मैंटेनेंस
लॉकडाउन की वजह से फंसे यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने 30 श्रमिक ट्रेनों का संचालन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से किया। इसके अलावा मोहाली, सरहिंद, पटियाला और अंबाला से स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाई गई। रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर हरिदीप सिंह ने बताया कि ऐसे में कोरोना काल में चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर करीब 70 ट्रेनों के कोचों की जांच, चेकिंग, मैंटेनेंस और साफ-सफाई भी गई। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन आने वाले हर श्रमिक ट्रेनों को रेलवे द्वारा तीन बार सैनिटाइज किया गया, ताकि कोई कोरोना संक्रमण का खतरा न बराबर हो।
इमरजेंसी के लिए 55 आइसोलेशन कोच किए तैयार
इमरजेंसी से निपटने के लिए 55 आइसोलेशन कोच तैयार किए गए। इन आइसोलेशन कोचों में 25 अन्य शहरों के लिए भेज दिए गए हैं, जबकि 30 कोच अभी भी रेलवे स्टेशन पर खड़े है। अगर कोरोना की वजह से हालत बिगड़ते हैं तो इन्हे अस्थाई अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।