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Chandigarh Politics: जालंधर लोक सभा के उप चुनाव को लेकर सरगर्म होने लगी पार्टियां

चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद अब जालंधर लोक सभा के उप चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चौधरी संतोख के अंतिम अरदास पर कांग्रेस ने संकेत देने शुरू कर दिए है कि वह पूर्व सांसद की पत्नी करमजीत कौर को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Fri, 27 Jan 2023 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 10:06 PM (IST)
Chandigarh Politics: जालंधर लोक सभा के उप चुनाव को लेकर सरगर्म होने लगी पार्टियां
जालंधर लोक सभा के उप चुनाव को लेकर सरगर्म होने लगी पार्टियां

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता :  सांसद स्वर्गीय चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद अब जालंधर लोक सभा के उप चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चौधरी संतोख के अंतिम अरदास के मौके पर कांग्रेस ने इस बात के संकेत देने शुरू कर दिए है कि वह पूर्व सांसद की पत्नी करमजीत कौर को चुनाव मैदान में उतार सकती है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन करने वाली बहुजन समाज पार्टी की नजर भी इस सीट पर है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि इस सीट पर किसने चुनाव लड़ना है।

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करमजीत कौर को चुनाव में उतार सकती है पार्टी 

वहीं, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सभी पार्टियों को जालंधर में होने वाले उप चुनाव के महत्व को समझ रही है। कांग्रेस समय रहते हुए इस सीट से अपने उम्मीदवार को आगे करना चाहती है ताकि यह सीट उनके पास ही रहे। यही कारण है कि शु्क्रवार को चौधरी संतोख सिंह के अंतिम अरदास के मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और कांग्रेस विधायक दल के नेता ने यह संकेत दे दिए की जल्द ही करमजीत कौर को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। कांग्रेस यह मान रही है कि करमजीत कौर को अगर चुनाव मैदान में उतारा जाए तो पार्टी को सहानुभूति वोट मिल सकते है। वहीं, बसपा भी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहती है।

अकाली दल और कांग्रेस के बीच हो सकती है कड़ी टक्कर 

हालांकि शिअद और बसपा गठबंधन के बीच लोक सभा सीटों को लेकर कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है। बसपा इसलिए भी इस सीट को लेकर आशावान है क्योंकि 2019 में बसपा के प्रत्याशी बलविंदर कुमार को अकेले दम पर 2,04,783 वोट मिले थे। जबकि शिअद प्रत्याशी चरणजीत सिंह अटवाल को 3,66,221 मिले थे। वहीं, अकाली दल भी इस सीट पर कांग्रेस के साथ मुकाबला मान रही है। क्योंकि 2019 के लोक सभा चुनाव में शिअद (भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए) और बसपा को 5,71,004 वोट मिले थे। जबकि विजेता रहे कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह को 3,85,712 वोट मिले थे।

आम आदमी के पास नहीं है कोई बड़ा चेहरा 

हालांकि 86 वर्षीय चरणजीत सिंह अटवाल के पुन: चुनाव मैदान में आने की संभावना नहीं है। अकाली दल के पास आदमपुर से विधायक रहे पवन टीनू जैसा चेहरा हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के बाद अभी कोई बड़ा चेहरा नहीं है। लोक सभा चुनाव में आप को यहां से मात्र 25,382 वोट ही पड़े थे। वहीं, भाजपा के पास विजय सांपला सरीखे नेता है। क्योंकि 2019 में पार्टी ने सांपला का टिकट काट दिया था। वह होशियारपुर से सांसद रह चुके है। सांपला वर्तमान में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति कमीशन के चेयरमैन है।


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