वाह रे चंडीगढ़ पुलिस... आर्म्स एक्ट में दो केस, एक में बेल और दूसरे में जेल, ये तो नाइंसाफी है
चंडीगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। यूटी पुलिस ने आर्म्स एक्ट में दो केस दर्ज किए हैं लेकिन कार्रवाई अलग-अलग हुई है। एक केस में आरोपित को जेल भेज दिया तो दूसरे में बेल दे दी गई।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। 15 दिन के अंदर एक ही डिवीजन, एक ही डीएसपी, एक ही तरह का केस और एक ही तरह की धाराएं दर्ज कर पुलिस ने अलग-अलग तरह की कार्रवाई की है। एक तरफ सरकारी पिस्टल समेत 13 कारतूस बरामद करने के बाद आर्म्स एक्ट समेत धारा 188 के तहत पुलिस ने एआइजी क्राइम पंजाब के बेटे पर केस दर्ज कर जांच का हवाला देकर छोड़ दिया है।
जबकि, दूसरे मामले में लाइसेंसी पिस्टल और छह कारतूस समेत गिरफ्तार एनएसयूआइ के युवा कार्यकर्ता के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन जिला अदालत में पेश करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत भी भेज दिया गया है। दोनों मामलों में पुलिस ने आर्म्स एक्ट की धारा 25-54-59 के तहत नामजद एफआइआर दर्ज की है।
एआइजी क्राइम पंजाब के बेटे को छोड़ा
तीन सितंबर 2022 की रात एआइजी क्राइम पंजाब सरबजीत सिंह का बेटा परवर निशान सिंह को पिता की सरकारी पिस्टल समेत 13 कारतूस लेकर घूमते रात सेक्टर-17/18 लाइट प्वाइंट नाके के पास से टेंपरेरी नंबर की गाड़ी में सेक्टर-17 थाना पुलिस ने पकड़ा था। थाना पुलिस ने नीलम चौकी इंचार्ज एसआइ विवेक कुमार की शिकायत पर म्यूजिक डायरेक्टर परवर निशान सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा आर्म्स एक्ट 25-54-59 और डीसी के आदेश की अवहेलना की धारा-188 के तहत केस दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच का हवाला देकर उसे छोड़ कर जांच करने की बयान दे रही है।इस मामले में एआइजी क्राइम पंजाब सरबजीत सिंह बयान दे चुके है कि पिस्टल गाड़ी में छूट गई थी।
दूसरे आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेजा
17 सितंबर को सेक्टर-15 स्थित कांग्रेस भवन के बाहर पंजाब की सीएम भगवंत मान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस ने एक कार्यकर्ता युवक को पंजाब से लाइसेंसी पिस्टल और छह कारतूस समेत गिरफ्तार किया था। आरोपित लुधियाना के मिल्लर गंज स्थित निरंकारी मोहल्ला निवासी 27 वर्षीय जगजोत सिंह के तौर पर हुई। सेक्टर-11 थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी की धारा 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज दूसरे दिन जज के सामने पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत भेजा गया। सेंट्रल डिवीजन के डीएसपी गुरमुख सिंह ने बताया कि पंजाब के लुधियाना से लाइसेंसी रिवाल्वर को चंडीगढ़ लेकर आने की अनुमति नहीं थी।
एक केस में तुरंत जांच पूरी, दूसरे में अभी तक इंतजार
एनएसयूआइ कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिस्टल लुधियान से लाइसेंसी है। इसे चंडीगढ़ लेकर आने की अनुमति नहीं होने पर काबू किया गया। जबकि, निशान सिंह को पकड़े के 15 दिन बाद भी पुलिस को नहीं मालूम कि सरकारी पिस्टल किसने नाम अलाट हुई है। वह जानबूझकर या गलती से चंडीगढ़ लेकर आया है। ऐसे में दोनों ही स्थिति पर गिरफ्तारी बनती है।
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एसएसपी कुलदीप सिंह चहल का कहना है कि निशान सिंह के मामले में कई प्वाइंट्स पंजाब से मांगे गए हैं। पिस्टल गाड़ी के अंदर से बरामद हुई है। इस वजह से अभी तक गिरफ्तार नहीं कर मामले में रिपोर्ट आने तक जांच चल रही है। इसमें भी बनती कानूनी कार्रवाई और चालान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।