निसंतान दंपतियों के लिए Chandigarh PGI की पहल, लांच की किताब
पीजीआइ चंडीगढ़ की डॉ. वनिता सूरी डॉ. आदित्य प्रकाश शर्मा और डॉ. अमरजीत सिंह ने मिलकर जिन दंपतियों को बच्चा होने में दिक्कत है उनकी जानकारी बढ़ाने के लिए मार्गदर्शक संतानहीन दंपतियों के लिए सामान्य जानकारी किताब को लिखा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। बांझपन अब सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला होने के बजाय एक जन स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है। भारत जैसे विकासशील देशों में चार में से एक पति-पत्नी इससे प्रभावित हैं। बच्चा न होने पर दंपती या तो थोड़ा बहुत खुद ही इलाज शुरू कर लेते हैं या वो किसी डॉक्टर या अस्पताल से दवाई लेते हैं। दोनों ही हालत में ऐसे दंपती को इस बीमारी के इलाज की प्रकिया में सक्रिय रूप से हिस्सा लेना होता है। निसंतान दंपतियों के इलाज में अनेक विभागों के चिकित्सक इलाज में मदद करते हैं।
इसी सोच के तहत पीजीआइ चंडीगढ़ के गायनीकोलॉजी, यूरोलॉजी, सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं जन स्वास्थ्य विद्यालय की डॉ. वनिता सूरी, डॉ. आदित्य प्रकाश शर्मा और डॉ. अमरजीत सिंह ने मिलकर जिन दंपतियों को बच्चा होने में दिक्कत है। उनकी जानकारी बढ़ाने के लिए एक मार्गदर्शक एक किताब 'संतानहीन दंपतियों के लिए सामान्य जानकारी' को लिखा है। ये डॉ. दविंदर कौर की पीएचडी शोध का एक हिस्सा है। यह किताब मोहिंद्रा पब्लिशिंग हाउस चंडीगढ़ की ओर से प्रकाशित की गई है।
निसंतान दंपतियों को यह किताब पढ़ कर अपने इलाज संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही ऐसे दंपती जब ये किताब पढ़ने के बाद अस्पताल पहुंचेगे, तो डॉक्टरों को भी मरीजों के साथ सुचारु संवाद स्थापित करने में, इलाज की प्रक्रिया समझाने में मदद मिलेगी। खास तौर पर यह कोरोना काल जैसी स्थिति में भी एक प्रभावी नीति होगी। टेलीमेडिसिन के साथ इस किताब को पीजीआइ की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। पहले ही इसका प्रारूप वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
इस पुस्तिका में दंपतियों को बच्चा न होने के कारणों और इलाज की विभिन्न प्रकियाओं की जटिलताओं की जानकारी दी गई है। साथ ही बच्चा गोद लेने के नियम प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई है। विशेष तौर पर महिलाओं को बच्चा न होने पर जो प्रताड़ित किया जाता है। इस बारे में भी समाज में जो पूर्वाग्रह स्थापित हैं, उनपर इस किताब के माध्यम से स्पष्टीकरण दिया गया है। बेहतर समझ के लिए इस किताब को सरल भाषा में लिखा गया है।