Chandigarh News: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला; मां को बच्ची की कस्टडी नहीं, नानी के पास ही रहेगी हरसीस
Chandigarh News लुधियाना निवासी महिला ने पहले पति से तलाक हो जाने के बाद 2018 में दूसरा विवाह किया था लेकिन सौतेला सौतेला बाप नौ वर्षीय बच्ची के साथ गलत हरकतें करता था। इसकी शिकायत मां को करने पर उसने बच्ची को खामोश रहने को कहा।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। नौ वर्षीय बच्ची की कस्टडी को लेकर मां ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर अपनी ही मां पर बच्ची को जबरन कस्टडी में रखने का आरोप लगाया था।
लेकिन कोर्ट चैंबर में बच्ची के साथ बातचीत करने के बाद जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए बच्ची के भविष्य को देखते हुए उसकी कस्टडी मां के बजाय नानी को दे दी।
लुधियाना निवासी महिला ने पहले पति से तलाक हो जाने के बाद 2018 में दूसरा विवाह किया था लेकिन सौतेला सौतेला बाप नौ वर्षीय बच्ची के साथ गलत हरकतें करता था।
मां ने की दूसरी शादी
इसकी शिकायत मां को करने पर उसने बच्ची को खामोश रहने को कहा। नानी को इन हरकतों का पता चला तो वह बच्ची को अपने साथ ले गई और सौतेले पिता के खिलाफ मानव अधिकार आयोग और पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने हरदीप नामक सौतेले पिता के खिलाफ धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
सौतेला पिता करता था बच्ची से छेड़छाड़
बच्ची की मां ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि उसकी मां यानी बच्ची की नानी ने बच्ची को जबरन गैरकानूनी हिरासत में रखा हुआ है। सुनवाई के दौरान बच्ची व प्रतिवादी नानी को कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया जहां नानी कोर्ट को बताया कि याचिकर्ता की दूसरी शादी के बाद सौतेला पिता हरदीप बच्ची के साथ छेड़छाड़ करता था।