चंडीगढ़ निगम की अहम बैठक से कांग्रेस–आप गायब, मेयर ने साधा निशाना, बताया ‘कर्तव्य की अवहेलना’
चंडीगढ़ नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक से कांग्रेस और आप के पार्षद अनुपस्थित रहे, जिस पर मेयर ने उन्हें कर्तव्य की अवहेलना करने का आरोप लगाया। मेयर ने कहा कि पार्षदों को शहर के विकास के लिए बैठकों में भाग लेना चाहिए था, उनकी अनुपस्थिति से महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने में बाधा आई।

वार्ड-स्तरीय विकास समीक्षा बैठक में मौजूद मेयर हरप्रीत कौर बबला और पार्षद।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मेयर हरप्रीत कौर बबला ने शुक्रवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि दोनों दलों ने महत्वपूर्ण वार्ड-स्तरीय विकास समीक्षा बैठक का बहिष्कार कर शहर के विकास के प्रति घोर उदासीनता दिखाई है।
नगर निगम की ओर से अहम बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सड़क मरम्मत, जल निकासी, पार्कों, ग्रीन बेल्टों और स्वच्छता से जुड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जानी थी। यह बैठक उन वार्डों के विकास कार्यों की निगरानी के लिए रखी गई थी जिनका प्रतिनिधित्व विपक्षी पार्षद करते हैं। इससे पहले इसी प्रकार की बैठक भाजपा पार्षदों और अधिकारियों के साथ भी आयोजित की गई थी, जिसमें पूर्ण उपस्थिति रही थी।
केवल एक कांग्रेस पार्षद पहुंचे, आप पूरी तरह गैरहाज़िर
- बैठक में कांग्रेस के केवल एक पार्षद ही पहुंचे।
- AAP के सभी पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार किया।
- अधिकांश कांग्रेस पार्षद भी बैठक से नदारद रहे।
- पिछली हाउस बैठक में विपक्ष ने ही वार्ड-विकास की स्थिति जानने और अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की मांग की थी।
जब भाजपा पार्षदों के साथ बैठक हुई, सभी सदस्य मौजूद रहे और विकास कार्यों को तेज़ करने पर विस्तृत चर्चा हुई। लेकिन विपक्ष को जब अपने वार्डों के विकास की समीक्षा का मौका मिला, तो उन्होंने इसका बहिष्कार कर अपनी दोहरी राजनीति उजागर कर दी।
-हरप्रीत कौर बबला, मेयर
नागरिक हितों में अरुचि का संकेत
मेयर ने विपक्ष के रवैये को शहरवासियों के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक बहिष्कार नहीं, बल्कि कर्तव्य की अवहेलना है। विपक्षी पार्षदों ने दिखा दिया कि उन्हें अपने वार्डों के विकास और नागरिकों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। वे समाधान देने वाले अधिकारियों के साथ चर्चा छोड़कर सस्ती राजनीति में व्यस्त हैं।
मेयर ने विपक्ष के लगातार विकास-विरोधी रुख का भी उल्लेख किया
- विकास समीक्षा बैठकों का बहिष्कार
- विकास से जुड़े विषयों पर बनी सर्वदलीय समिति से सामूहिक इस्तीफे

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