चंडीगढ़ में निगम चुनाव की तैयारियां तेज, नए सिरे से वार्डबंदी के लिए प्रशासन ने गठित की कमेटी
चंडीगढ़ प्रशासन ने आगामी निगम चुनावों के लिए वार्डबंदी प्रक्रिया शुरू कर दी है। वार्डों के सीमांकन के लिए आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी अ ...और पढ़ें

चंडीगढ़ नगर निगम के अगले साल होने है चुनाव। तैयारियां तेज।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। निगम चुनाव के लिए प्रशासन ने वार्डों के नए सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार को गृह सचिव ने वार्डबंदी के लिए प्रशासन ने कमेटी का गठन कर दिया है, जिसकी बैठक अगले सप्ताह होगी। इस संबंध में प्रशासक ने एक विस्तृत आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार, प्रशासन ने वार्डों के सीमांकन का कार्य करने के लिए आठ सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त चंडीगढ़ करेंगे। समिति में एस्टेट ऑफिसर, संयुक्त सचिव स्थानीय सरकार, समाज कल्याण निदेशक, नगर निगम सचिव, सीनियर टाउन प्लानर, राज्य चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और जनगणना विभाग का प्रतिनिधि शामिल हैं।
अगले साल दिसंबर में होने वाले निगम चुनाव के लिए समिति वार्डों के सीमांकन की आवश्यकता का निर्धारण करेगी। इसके तहत शहर को एकल सदस्य वार्डों में इस प्रकार विभाजित किया जाएगा कि सभी वार्डों की जनसंख्या लगभग समान हो।
आगामी जनगणना डाटा सर्वे 2026 को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध रूप से सिफारिशें भेजी जाएंगी। यदि मौजूदा वार्ड सीमाओं में किसी परिवर्तन की आवश्यकता होती है, तो समिति ड्राफ्ट स्कीम तैयार कर इसे जनता से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए सार्वजनिक करेगी। प्राप्त सुझावों का निपटान कर अंतिम प्रस्ताव प्रशासक को भेजा जाएगा।
अंतिम स्वीकृति के बाद सीमांकन योजना राजपत्र (गजट) में प्रकाशित की जाएगी। इस कदम को साल 2026 की जनगणना से पहले किया जा रहा है इसलिए वार्ड की संख्या नहीं बढ़ेगी।
31 दिसंबर से पहले वार्डबंदी पर निर्णय ले लिया जाएगा और इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को भेजा जाएगा। प्रशासन के अनुसार इस समय जनगणना चल रही है ऐसे में नए सिरे से वार्ड की संख्या को नहीं बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में पहले की तरह वार्ड की संख्या 35 ही रहेगी।
इस साल प्रशासन ने संजय काॅलोनी, जनता काॅलोनी, शाहपुर काॅलोनी, आदर्श काॅलोनी और सेक्टर-53 की फर्नीचर मार्केट शामिल की गई है। अगले साल धनास की कच्ची कालोनी को हटाया जाना है। इन कालोनियों के हजारों वोट हटने से वार्डों का मतदाता संतुलन पूरी तरह बदल गया है। इन इलाकों को अब पुराने वार्ड में शामिल नहीं किया जाएगा।
वार्ड का आरक्षण नए सिरे से होगा
वार्डबंदी के बाद वार्ड का आरक्षण भी तय किया जाएगा। सात आरक्षित वार्ड तय किए जाने हैं। प्रशासन साल 2011 की जनगणना को आधार मानते हुए वार्ड रिजर्व करेगा। जो इस समय सात वार्ड आरक्षित वर्ग के लिए है जहां से इस समय आरक्षित वर्ग के पार्षद हैं वह वार्ड अब फिर से आरक्षित नहीं होगा। अब यह वार्ड जनरल या महिला के लिए आरक्षित होंगे।
अब 35 में से बाकी बचे 28 वार्ड में सात आरक्षित बनेंगे जिनमें पहले के सात को छोड़कर सबसे ज्यादा आरक्षित वर्ग की जनसंख्या होगी, ऐसे वार्ड प्रशासन शार्ट लिस्ट कर रहा है। इन सात आरक्षित वार्ड में से तीन वार्ड महिला आरक्षित के लिए ड्रा के माध्यम से तय किए जाएंगे। महिला का ड्रा अगले साल मई माह में किया जाएगा।
नौ वार्ड जनरल महिला के लिए होगा आरक्षित
सात आरक्षित निकालने के बाद बाकी बचे 28 में से 9 वार्ड महिला के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इन्हें भी ड्राॅ के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे में 12 वार्डों पर महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगी जिनमें 9 महिलाएं जनरल और तीन वार्ड आरक्षित वर्ग की महिला के लिए होगा। साल 2021 में ही वार्ड की संख्या 26 से बढ़ाकर 35 की थी, उस समय कई वार्ड में दूसरे एरिया जोड़े गए थे।

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