ये कैसा स्मार्ट सिटी चंडीगढ़, दो महीने से डिस्पेंसरियों में एंटी रैबीज वैक्सीन तक नहीं
चंडीगढ़ की डिस्पेंसरियों में दो महीने से एंटी रेबीज टीके नहीं है। रविवार एक कांग्रेस नेत्री की बहन को बाहर से खरीदकर टीका लगाने के मामले में हंगामा हो गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ में निगम के अधिकारी अपनी ही डिस्पेंसरी में दवाइयों का स्टॉक खत्म होने से अनजान है। इसका खुलासा तब हुआ जब चंडीगढ़ कांग्रेस की सोशल मीडिया चेयरमेन यादविंदर मेहता की बहन को सुबह 9 बजे कुत्ते ने काट लिया। तुरंत उन्हें सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी ले जाया गया। यादविंदर के अनुसार उन्होंने एसएमओ डॉ. निशा को बहन को दिखाया। उन्होंने डिस्पेंसरी में एंटी रेबीज वैक्सीन न होने का हवाला देते हुए बाहर से टीका खरीदने के लिए कह दिया।
यादविंदर ने कहा कि जब उन्होंने डॉक्टर को बताया कि उनकी बहन को लीवर की समस्या हैं तो भी वह कहने लगी कि यही टीका लगेगा। जब 380 रूपये का टीका लेकर पहुंची तो डॉक्टर ने कहा कि उसे उनकी बहन को नहीं लगाया जा सकता। आप दूसरा इंजेक्शन लेकर लाओ जिसकी कीमत 4000 बताई गई। जब उन्होने डॉ. से सीरम के बदलने की वजह पूछी तो उन्होंने बदसलूकी करते हुए कमरे से बाहर जाने को कह दिया। इसके बाद मौके पर हंगामा हो गया।
दो महीनों से हैं नही हैं स्टॉक
मामला बढ़ते हुए देख वहां पहुंचे कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला पहुंच गए। उन्होने स्टॉक न होने का कारण पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि पिछले दो महीने से स्टॉक नहीं है। इसकी जानकारी मेयर मोदगिल व निगम कमिश्नर को भी है।
मामले की सूचना मिलते ही कमिश्नर और स्वास्थ्य निदेशक से बात की गई। पता चला कि इंजेक्शन व सीरम खरीदने का टेंडर अलॉट ही नहीं हो पाया हैं। ऐसे मे सोमवार को एमओएच को तत्काल प्रभाव से इंजेक्शन खरीदने के लिए कहा गया है। उन्हें यह भी हिदायत दी गई है कि आगे से वैक्सीन का स्टॉक समाप्त नहीं होना चाहिए।
-देवेश मोदगिल, मेयर नगर निगम