एक अरब रुपये से हटेगा डंपिंग ग्राउंड का पूरा कचरा, एक साल लगेगा, न्यू चंडीगढ़ को होगा फायदा
डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में लगे कूड़े के पहाड़ को पूरी तरह से प्रोसेस करने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम एक अरब रुपये खर्च कर रहा है। कूड़े के पहाड़ को हटाने में एक साल का समय लग जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड से चंडीगढ़ के लोगों को एक साल में मुक्ति मिल जाएगी। इस काम पर सरकारी खजाने से काफी बड़ा खर्चा हो रहा है। डंपिंग ग्राउंड का पूरा कचरा प्रोसेस करने पर एक अरब रुपये खर्च होंगे। यह काम भाजपा शासित नगर निगम करवा रहा है।
डड्डूमाजरा में डंपिंग ग्राउंड से उठने वाले दुर्गंध से स्थानीय लोग परेशान हैं। पिछले 20 साल से इस परेशानी को झेल रहे हैं। डड्डूमाजरा का पार्षद आम आदमी पार्टी से है। ऐसे में इसका क्रेडिट आप लेने का प्रयास करेगी।
डंपिंग ग्राउंड में कचरे का पहाड़ खत्म होने का इंतजार न्यू चंडीगढ़ भी कर रहा है। डड्डूमाजरा के साथ मुल्लांपुर लगता है। न्यू चंडीगढ़ का तेजी से विकास हो रहा है। यहां सबसे ज्यादा हाउसिंग प्रापर्टी की डिमांड है। यहां पर ईको सिटी-1 और 2 है। इसके अलावा कई प्राइवेट बिल्डर यहां पर हाउसिंग प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। ऐसे में डंपिंग ग्राउंड से कचरा साफ होने का फायदा न्यू चंडीगढ़ को भी मिलेगा। डंपिंग ग्राउंड चंडीगढ़ के लिए बड़ा दाग है। स्वच्छ सर्वेक्षण में भी इसका शहर को फायदा मिलेगा। डड्डूमाजरा निवासी सुभाष शर्मा का कहना है कि उनका परिवार लंबे समय से डंपिंग ग्राउंड से कचरे के पहाड़ से मुक्ति का इंतजार कर रहा है।
33 करोड़ से हो रहा कचरा प्रोसेसिंग का काम
डंपिंग ग्राउंड की 8 एकड़ जमीन पर कचरे का नया पहाड़ बना हुआ उसे प्राेसेस करने के लिए नगर निगम ने टेंडर अलाट कर दिया है। इस पर 77 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। कचरे को प्रोसेस करने का काम इस महीने से शुरू हो जाएगा। जबकि पहले के कचरे के पहाड़ को प्रोसेस करने का काम चल रहा है, जिस पर 33 करोड़ रुपये का खर्च किए जा रहे हैं। यह काम 60 फीसद पूरा भी हो चुका है।
नया गारबेज प्लांट लगेगा
चंडीगढ़ नगर निगम का नया गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की भी योजना है। इसमें कचरे से बिजली तैयार की जाएगी। कुल 45 एकड़ का डंपिंग ग्राउंड है। नगर निगम का कहना है कि यह कचरा साल 2005 के बाद का है। इसके लिए गारबेज प्लांट चलाने वाली जेपी कंपनी जिम्मेदार है, जिन्होंने प्लांट में पूरा कचरा प्रोसेस किए बिना यहां पर कचरा का पहाड़ लगा दिया। शहर में प्रतिदिन 500 टन कचरा निकलता है। पूर्व मेयर राजेश कालिया का कहना है कि यह जो प्रयास हो रहे हैं इनके लिए पिछले कार्यकाल में रूपरेखा बनी थी। कांग्रेस कार्यकाल में गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट लगा था। प्लांट सही तरीके से नहीं चला तभी डंपिंग ग्राउंड में कचरे का पहाड़ बन गया।