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कभी डंपिंग ग्राउंड में उठाता था कूड़ा, बना इस खास शहर का मेयर, जानें संघर्ष की अनोखी कहानी

चंडीगढ़ के नए मेयर राजेश कालिया की कहानी बेहद अनोखी है। उनकी संघर्ष की कहानी बेहद खास है। वह कभी डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा उठाने का काम करते थे। पेश है उनकी जिंदगी के अनछुए पहलू।

By Edited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 06:02 PM (IST)
कभी डंपिंग ग्राउंड में उठाता था कूड़ा, बना इस खास शहर का मेयर, जानें संघर्ष की अनोखी कहानी
कभी डंपिंग ग्राउंड में उठाता था कूड़ा, बना इस खास शहर का मेयर, जानें संघर्ष की अनोखी कहानी

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। इस शख्‍स की कहानी बेहद अनोखी और हौसला देने वाली है। कभी डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा उठाने वाला यह व्‍यक्ति अब देश की प्रमुख सिटी चंडीगढ़ का अगुवा है। हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया की। वह जिंदगी के शुरुआती दौर में डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा उठाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। अपने संघर्ष की बदौलत उन्‍होंने कामयाबी की मंजिल दर मंजिल हासिल की।

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शुक्रवार को मेयर चुने गए राजेश कालिया ने जिंदगी के कई बुरे दौर देखे, लेकिन कड़ी मेहनत से मेयर का प्रतिष्ठित पद हासिल किया है। मेयर बनने के तुरंत बाद राजेश कालिया चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित दैनिक जागरण के दफ्तर में पहुंचे। कालिया ने राजनीति के लंबे सफर के अलावा अपनी जिंदगी से जुड़े कई अनछुए पहलुओं पर बेबाकी से अपनी बातें साझा कीं।

अपने परिवार के साथ राजेश कालिया।

कालिया ने कहा, मेयर चुनाव से पहले उन्हें टेरेरिस्ट की तरह पेश किया गया, मुझ पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए। ऐसे हालात बने कि परिवार ने मेयर चुनाव से हटने तक की सलाह दे डाली, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और जीत दर्ज की। इस तरह विरोधियों की बोलती बंद कर दी। कालिया ने कहा कि उनके बारे में असलियत बहुत ही कम लोगों पता है। कालिया ने बताया कि वह 15 दिन तक आगरा की टुंडला जेल में रहे, लेकिन वह किसी क्रिमिनल मामले में नहीं, बल्कि राम मंदिर के आंदोलन में जेल गए थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में उन्हें दोषी करार नहीं दिया गया।

कहा- मैं न किरण और न टंडन गुट का, संगठन के साथ हूं

मेयर चुने जाने के बाद सांसद किरण खेर के साथ राजेश कालिया।

चुनाव में भाजपा की आपसी गुटबाजी को लेकर कालिया ने कहा, मैं न तो सांसद किरण खेर और न ही भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष संजय टंडन का हूं, बल्कि संगठन के साथ हूं। आगामी लोकसभा चुनाव में भी मेयर चुनाव जैसी गुटबाजी होने के सवाल पर कालिया ने कहा कि ऐसा नहीं होगा और सभी कार्यकर्ता मिलकर चुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। कालिया ने कहा कि वह शहर के मेयर नहीं, बल्कि नगर सेवक के तौर पर शहर के लोगों की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा सभी को साथ लेकर शहर की डेवलेपमेंट के लिए काम करना है।

कालोनी से क्रिमिनलों का किया सफाया

शहर की कॉलोनियों में लगातार बढ़ते क्राइम को लेकर मेयर राजेश कालिया ने कहा कि बीते दो सालों में अगर मलोया की बात की जाए, तो वहां से क्रिमिनल का पूरी तरह सफाया हो चुका है, चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा लोहा ही लोहे को काटता है। उन्होंने कहा कि उनके एरिया में जितने भी क्रिमिनल थे, उन्हें भगा दिया गया है। कालिया के अनुसार शहर की सिर्फ कॉलोनी ही नहीं, बल्कि पूरे शहर में शांति बनाने पर जोर होगा।

राजेश कालिया के मेयर बनने के बाद जश्‍न मनाते लोग।

बेटियों के साथ मिलती है खुशी

मेयर राजेश कालिया ने कहा कि उन्हें कोई खास शौक नहीं है, लेकिन खाली समय उन्हें बेटियों के साथ बिताना अच्छा लगता है। कालिया ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी पसंद बच्चों पर नहीं थोपी है, अगर उनकी बेटी भी पॉलिटिक्स में जाना चाहेंगी, तो उसके फैसले का पूरी तरह समर्थन करेंगे। कालिया ने कहा कि वह भी दूसरे माता-पिता की तरह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। ताकि बच्चे खुद अपने पैरों पर खड़े हो सकें और उनसे एक कदम ऊपर की ओर बढ़े।

सोनीपत के गांव आहुलाना मदीना से चंडीगढ़ का सफर

हरियाणा के सोनीपत जिले के आहुलाना मदीना गांव में जन्मे राजेश कालिया के चंडीगढ़ का मेयर बनने पर रिश्तेदारों में जबरदस्त खुशी का माहौल है। गांव में परिवार और दूसरे रिश्तेदारों से मेयर बनने पर बधाई संदेश आ रहे हैं। कालिया ने कहा कि उन्हें खुशी है, कि उनका बचपन गांव में बीता। समय मिलने पर वह अपने गांव में जाते हैं। लोगों का प्यार उन्हें आज भी भावुक कर देता है। गांव से उनकी कई पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं।

उधर राजेश कालिया के मेयर बनने की खुशी में गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। देर रात तक गांव में भी कालिया के रिश्तेदारों में बधाई देने का दौर जारी रहा। मेयर को इन दो मौकों पर मिली सबसे अधिक खुशी मेयर अपनी जिंदगी के कड़वे अनुभवों को बताते हुए कई बार भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि दो मौकों पर उन्हें सबसे अधिक खुशी हुई। पहली बार जब उन्हें स्कूल मैनजेमेंट कमेटी (एसएमसी) का सदस्य बनाया गया। दूसरी खुशी तब मिली जब वह पार्षद बने और जिस डंपिंग ग्राउंड में वह कूड़ा उठाते थे, वहीं पर पार्षद बनने के बाद उनका दफ्तर बना।

पांच वोटों से दर्ज की जीत

चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव में राजेश कालिया ने पार्षदों के 16 वोट हासिल कर बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ को हराया। इस चुनाव में सांसद किरण खेर सहित 27 पार्षदों ने मतदान किया। बागी उम्मीदवार को सतीश कैंथ को सिर्फ 11 वोट हासिल हुए। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भाजपा-अकाली गठबंधन के लिए पार्षद हरदीप सिंह ने बीस वोट हासिल कर कांग्रेस की उम्मीदवार गुरबख्श रावत को हराया। डिप्टी मेयर पद पर भाजपा के कंवरजीत राणा ने 21 वोट हासिल कर कांग्रेस की रविंदर कौर गुजराल को हराया।   

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