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चंडीगढ़ जीएमएसएच-16 की स्टाफ नर्स नीरू कक्कड़ ने 100 और दो सौ मीटर रेस में जीते गोल्ड, जानें इनकी उपलब्धियां

चंडीगढ़ की मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने चंडीगढ़ स्टेट मास्टर एथलेटिक्स मीट में दो गोल्ड मेडल जीते हैं। नीरू कक्कड़ जीएमएसएच सेक्टर-16 की गायनी एमरजेंसी वार्ड में बतौर स्टाफ नर्स कार्यरत्त है और वह कई नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में 60 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 02:19 PM (IST)
चंडीगढ़ जीएमएसएच-16 की स्टाफ नर्स नीरू कक्कड़ ने 100 और दो सौ मीटर रेस में जीते गोल्ड, जानें इनकी उपलब्धियां
नीरू कक्कड़ रोजाना दो किमी दौड़ लगाती हैं।

विकास शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ की मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने चंडीगढ़ स्टेट मास्टर एथलेटिक्स मीट में दो गोल्ड मेडल जीते हैं। 45 प्लस कैटेगरी में दौड़ने वाली नीरू कक्कड़ ने 100 मीटर और 200 मीटर प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है।

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नीरू कक्कड़ जीएमएसएच सेक्टर-16 की गायनी एमरजेंसी वार्ड में बतौर स्टाफ नर्स कार्यरत्त है और वह कई नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में 60 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल लॉकडाउन की वजह से स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने मास्टर एथलीट के लिए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एंट्री बंद कर दी थी। इस वजह से उन्हें प्रेक्टिस करने में खासी दिक्कत हुई। बावजूद इसके उन्हें खुशी कि वह टूर्नामेंट में मेडल जीतने में कामयाब रही।

नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर जीत चुकी हैं 60 मेडल

मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने साल 2019 -20 में 12 मैराथन में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने 10 मैराथन में मेडल जीते थे। वह अब तक राष्ट्रीय व इंटरनेशनल स्तर पर 60 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। वर्ष 2018 में नीरू कक्कड़ ने मलेशिया के पेनांग में आयोजित एशिया पेसिफिक मास्टर गेम्स में चार मेडल जीतकर शहर का मान बढ़ाया था। नीरू ने प्लस-45 आयुवर्ग की कैटेगरी में 5000 मीटर रेस में हिस्सा लेते हुए दूसरा स्थान, 5000 मीटर वॉक में सिल्वर मेडल, 3000 मीटर वॉक में ब्रांज मेडल और 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में फिनिशर का मेडल का जीता था।

मेडल जीतने के लिए आज भी बच्चों जैसी ललक

कक्कड़ ने बताया कि वह अपने कॉलेज टाइम में पंजाबी यूनिवर्सिटी की तरफ से इंटर यूनिवर्सिटी खेली हुई हैं। इसके बाद वह नौकरी में व्यस्त हो गई और दौड़ उनसे छूट गई। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आने लगी तो दोबारा दौड़ लगाना शुरू कर दिया, आज वह रोजाना 2 घंटे के करीब दौड़ लगाती हैं। नीरू ने बताया कि एथलीट चैंपियनशिप में 5 साल पहले हिस्सा लेना शुरू किया था। वे एथलीट चैंपियनशिप के वॉक, रनिंग व मैराथन प्रतियोगिताओं में ही भाग लेती हैं। नीरू ने बताया कि मुझे मेडल जीतने में मजा आता है और मैं अभी बच्चों की तरह मेडल जीतकर खुश होती हूं। यही जुनून मुझे मेहनत करने को प्रेरित करता है।


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