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सीएचबी के अलॉटियों को अब नहीं झेलने पड़ेंगे मकान कैंसेलेशन के नोटिस

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने नीड बेस्ड चेंज की पॉलिसी पर अंतिम मुहर लगाकर उसे मंजूरी दे दी है। इस फैसले पर बोर्ड के 60 हजार अलॉटियों की नजर थी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 05:13 PM (IST)
सीएचबी के अलॉटियों को अब नहीं झेलने पड़ेंगे मकान कैंसेलेशन के नोटिस
सीएचबी के अलॉटियों को अब नहीं झेलने पड़ेंगे मकान कैंसेलेशन के नोटिस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सालों से मिसयूज वायलेशन के नोटिस झेल रहे चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अलॉटियों को अब अपने मकान की अलॉटमेंट रद होने का डर नहीं सताएगा। सीएचबी ने नीड बेस्ड चेंज की जो पॉलिसी तैयार की थी उस पर प्रशासन ने अपनी अंतिम मुहर लगाकर उसे मंजूरी दे दी है। बोर्ड के 60 हजार अलॉटियों की नजर प्रशासन के इस फैसले पर थी। साल 2019 में अलॉटियों को यह तोहफा मिला है। मंगलवार को प्रशासान ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी। नोटिफिकेशन के बाद सीएचबी को इसे लागू करने के लिए आदेश भी जारी कर दिए। अब सीएचबी कंपाउंडिंग फीस लेकर इन बदलावों को मंजूरी दे सकता है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मंजूरी मिलने के बाद प्रशासन ने इसकी मंजूरी दी है।

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बता दें कि दैनिक जागरण ने 'हमारी सुनो सरकार' अभियान के जरिए इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड को नीड बेस्ड चेंज पॉलिसी बनानी पड़ी। सीएचबी ने 6 अक्टूबर को जरूरत के अनुसार बदलाव करने की जो 11 बड़ी सिफारिशें पास करके प्रशासन को भेजी थीं। नीड बेस्ड चेंज पॉलिसी के तहन इन सभी को वन टाइम सेटलमेंट के जरिए मंजरी मिल गई है। इन 60 हजार घरों में 3 लाख से ज्यादा अधिक लोग रहते हैं।

200 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट लगेगी फीस

पॉलिसी की नोटिफिकेशन होने के बाद अलॉटियों को अब बोर्ड के नोटिस नहीं झेलने पड़ेंगे और डर के साये में जीने की जरूरत नहीं है। बल्कि एक बार फीस देकर जरूरत अनुसार किए गए बदलाव मंजूर हो जाएंगे। हाउसिंग बोर्ड ने कंपाउंडिंग फीस 500 के बजाय 200 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट रखी है। वहीं, अब कवर्ड एरिया को भी 50 से 70 प्रतिशत तक कवर करने की मंजूरी मिल गई है। अब जिन लोगों ने निर्माण किए हुए हैं, वे फीस देकर इसे नए साल से रेगुलर करवा पाएंगे। अभी तक हाउसिंग बोर्ड इसे वॉयलेशन मानकर नोटिस जारी करता था। न्यूनतम फीस प्रति मकान 50 हजार की जगह 20 हजार रुपये की गई है।
 

इससे अब कम कंस्ट्रक्शन करने वाले पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। इससे पहले अधिकारियों ने कंपाउंडिंग फीस 500, तो न्यूनतम फीस 50 हजार तय कर सिफारिश की थी। लेकिन लोगों के दबाव को देखते हुए बोर्ड ने इस सिफारिश को मानने के बजाय फीस को कम कर दिया।

बैकसाइड कोर्ट यार्ड और टेरेस पर अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरी

बोर्ड ने रीयर कोर्ट यार्ड यानी मकान के पिछली तरफ खाली जगह और टेरेस पर अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन को भी शर्तो के साथ मंजूरी दे दी है। इसमें मीडियम इनकम ग्रुप (एमआइजी), हाई इनकम ग्रुप (एचआइजी) घरों में 150 स्क्वेयर फीट या 50 प्रतिशत को कवर किया जा सकता है। इसमें जो कम होगा, उसी हिसाब से फीस लगेगी।

इसी तरह से इकनोमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) और लार्ज इनकम ग्रुप (एलआइजी) रीयर कोर्ट यार्ड/टेरेस का 150 स्क्वेयर फीट या 75 प्रतिशत से अधिक एरिया कवर नहीं किया जा सकता है। इसमें जो कम होगा, उसके
तहत फीस लगेगी। मकान में पिछली या अगली साइड 3 फीट तक बनाई गई बालकनी को रेगुलराइज कराने की कोई फीस नहीं लगेगी। बशर्ते इससे साथ लगते मकान की प्राइवेसी भंग नहीं होनी चाहिए, साथ ही यह कवर नहीं होनी चाहिए। वहीं अगर इसका साइज 3 फीट से अधिक है या इसे ग्रिल या शीशे से कवर किया गया है, तो चार्ज लगेगा। ग्रिल से कवर करने पर 10 हजार प्रति बालकनी और शीशे से कवर करने पर 25 हजार रुपये प्रति बालकनी लगेंगे। सरकारी जमीन पर बनाया निर्माण रेगुलर नहीं जिन लोगों ने अपने मकान के साथ लगते सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें रेगुलर नहीं किया है। ऐसे में मकान में रहने वालों को खुद ही अपनी वॉयलेशन हटानी होगी। ऐसा न करने पर हाउ¨सग बोर्ड का हथौड़ा चलेगा।

यह बदलाव होंगे रेगुलराइज

  • तीन फीट तक की चौड़ाई वाली बालकनी की कोई फीस नहीं लगेगी। बशर्ते इससे साथ लगते मकान की प्राइवेसी भंग न हो और यह कवर न हो।
  • खिड़की को फ्लोर लेवल से 4 इंच तक ऊपर बढ़ा सकते हैं।
  • सेल्फ सर्टिफाइड ड्राइंग से फीस के बाद अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन मंजूरी होगी।
  • टैंक, सोलर वाटर ही¨टग सिस्टम और डिश एंटिना के लिए रूफ स्लैब में 1 मीटर गुणा 1 मीटर कट लगा सकते हैं। -मेन गेट को 12 फीट तक और हाइट 6 फीट तक बढ़ाई जा सकती है।
  • मकान में अतिरिक्त दरवाजा लगाने को भी कुछ शर्तो के साथ मंजूरी दी गई है।
  • एमआइजी और एचआइजी कैटेगरी के मकानों में रीयर कोर्ट यार्ड/टेरेस पर 150 स्क्वेयर फीट या 50 प्रतिशत तक एरिया कवर किया जा सकता है। दोनों में जो कम उसके हिसाब से फीस लगेगी।
  • ईडब्ल्यूएस और एलआइजी में रीयर कोर्ट यार्ड/टेरेस पर 150 स्क्वेयर फीट या 75 प्रतिशत तक एरिया कवर किया जा सकता है। दोनों में जो कम उसके हिसाब से फीस लगेगी।
  • तय फीस के बाद गेट को कोर्ट यार्ड की साइड बाउंड्री वॉल से फ्रंट बाउंड्री वॉल पर शिफ्ट किया जा सकता है।
  • बरामदे, ग्रिल और ग्लेजिंग लगाने की भी निर्धारित फीस के बाद मंजूरी मिल जाएगी।

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