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100 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से ज्यादा न हो कंपाउंडिंग फीस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नीड बेस्ड चेंज के तहत की गई कंस्ट्रक्शन को रेगुलर करने के लिए

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 07:11 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 07:11 PM (IST)
100 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से ज्यादा न हो कंपाउंडिंग फीस
100 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से ज्यादा न हो कंपाउंडिंग फीस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नीड बेस्ड चेंज के तहत की गई कंस्ट्रक्शन को रेगुलर करने के लिए कंपाउंडिंग फीस जायज होनी चाहिए। 2010 में एडिशनल एरिया को कवर करने की कंपाउंडिंग फीस 50 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट थी। अब भी यह फीस इसके आसपास होनी चाहिए। इससे अधिक फीस देने की स्थिति में हाउसिंग बोर्ड के अलॉटी नहीं हैं। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड रेजीडेंट्स वेलफेयर फेडरेशन की सेक्टर-44डी में आयोजित जनरल हाउस मीटिंग में यह फैसला लिया गया। मीटिंग में भाजपा, कांग्रेस और शिअद के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। जिसमें भाजपा की ओर से सीनियर लीडर एवं बोर्ड डायरेक्टर प्रेम कौशिक, शिरोमणि अकाली दल से हरजिंदर कौर और कांग्रेस से जतिंद्र भाटिया ने नीड बेस्ड चेंज पर प्रशासक से मिलकर ज्यादा से ज्यादा राहत दिलाने का आश्वासन दिया। फाइनल मीटिंग में रखी थी राहत दिलाने की बात

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फेडरेशन ने बोर्ड की फाइनल मीटिंग से पहले मिलकर उन्हें लोगों को राहत दिलाने की मांग रखी थी। फेडरेशन चेयरमैन निर्मल दत्त ने कहा कि नीड बेस्ड कमेटी ने अपनी सिफारिशें बोर्ड के पास फाइनल अप्रूवल के लिए भेज दी हैं। पहली बार लोगों की लंबे सालों से लटकी मांगें पूरी होने जा रही हैं। कहा कि बोर्ड चेयरमैन और कमेटी के सभी सदस्य सकारात्मक सोच लेकर लोगों को राहत देने की ओर बढ़े हैं। लेकिन प्रशासन में कुछ अधिकारी हमेशा ही लोगों से ज्यादा रेट वसूलने की प्लानिंग करते हैं। इन दिनों लोगों का वित्तीय बजट पहले ही बिगड़ा है। ऐसे में सभी प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि बोर्ड ज्यादा रेट न वसूले। 2010 में अतिरिक्त कवर एरिया की कंपाउंडिंग फीस 50 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट थी। अभी भी फीस इसके आसपास ही होनी चाहिए। बालकनी और अन्य चीजों के लिए भी जायज फीस ही ली जाए। 500 रुपये तक कंपाउंडिंग फीस

नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए बोर्ड 200 से 500 रुपये तक कंपाउंडिंग फीस वसूलने की तैयारी में है। फीस अगर 200 से अधिक होती है, तो हर घर के बदलाव मोटी फीस के बाद ही रेगुलर हो सकेंगे। बोर्ड के डायरेक्टर और रीप्रेजेंटेटिव फीस कम से कम रखने का दबाव बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि एक मकान से अधिकतम 50 हजार रुपये तक ही वसूले जाएं। इससे ज्यादा फीस किसी की न बनें। इस आधार पर ही कंपाउंडिंग फीस रखनी चाहिए। 16 हजार लोगों को भी मिले राहत

मीटिंग में उन 16 हजार लोगों को राहत दिए जाने की बात भी उठी, जिन्होंने साथ लगती जमीन पर अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की है। यह कंस्ट्रक्शन भी जायज लेकर रेगुलर होनी चाहिए। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के 90 प्रतिशत से अधिक मकानों में गवर्नमेंट लैंड पर एंक्रोचमेंट कर कंस्ट्रक्शन की गई है। बोर्ड लोगों को करे गाइड

फेडरेशन चेयरमैन निर्मल दत्त ने कहा कि सभी घरों की स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी और नेबर फ्रेंडलीनेस स्टेटस देखने के बाद लोगों को जरूरी गाइडेंस भी मिलनी चाहिए। वेंटीलेशन और लाइट आदि लगाने के लिए गाइड किया जाए। बोर्ड खुद कनसेशन के साथ जायज कंपाउंडिंग फीस लेकर इसके लिए लोगों की मदद करे। आभार जताने के लिए होगी रैली

फेडरेशन के सेक्रेटरी बीएस चड्ढा ने कहा कि नीड बेस्ड चेंज की अप्रूवल मिलते ही एक मेगा रैली का आयोजन होगा। जिसमें उन सभी का आभार जताया जाएगा, जिन्होंने इस अभियान में लोगों को राहत दिलाने में मदद की है।


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