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चंडीगढ़ में 20 सालों से नहीं हुई एथलेटिक्स खेल उपकरणों की खरीद

उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह के शहर में एथलेटिक्स गेम्स का इतना बुरा हाल है कि स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट ने पिछले 20 सालों से एथलेटिक्स सामान नहीं खरीदा है। स्पो‌र्ट्स हब कहे जाने वाले इस शहर में एक भी सिथेंटिक ट्रैक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 06:37 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 06:37 PM (IST)
चंडीगढ़ में 20 सालों से नहीं हुई एथलेटिक्स खेल उपकरणों की खरीद
चंडीगढ़ में 20 सालों से नहीं हुई एथलेटिक्स खेल उपकरणों की खरीद

विकास शर्मा, चंडीगढ़

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उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह के शहर में एथलेटिक्स गेम्स का इतना बुरा हाल है कि स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट ने पिछले 20 सालों से एथलेटिक्स सामान नहीं खरीदा है। स्पो‌र्ट्स हब कहे जाने वाले इस शहर में एक भी सिथेंटिक ट्रैक नहीं है। न ही एथलीट्स के पास एक्सरसाइज करने के लिए जिम है, न ही हाईजंप के गद्दे और न ही हडर्लिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरण हैं। यूटी स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट के पास कई रेगुलर एथलीट्स कोच तक नहीं है। खुद मिल्खा सिंह कई मंचों से खेल इंफ्रास्ट्रक्टर को मजूबत करने की बात कह चुके हैं। ऐसे में खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की कैसे उम्मीद की जा सकती है। हर बड़े टूर्नामेंट में पंजाब यूनिवर्सिटी से आता है सामान चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट रमेश हांडा ने बताया कि हर बड़े टूर्नामेंट के समय इन खेल आयोजनों से संबंधित सामान को इकट्ठा करने में खासी दिक्कत आती है। अभी तक टूर्नामेंट्स के दौरान पंजाब यूनिवर्सिटी से सामान लाया जाता था, लेकिन अब पंजाब यूनिवर्सिटी ने भी अपना सामान देने से मना कर दिया है। प्रशासन ने स्पो‌र्ट्स एक्यूपमेंट्स खरीदने के लिए जिस कंपनी को चयनित किया है, वह इनमें से कई खेलों के सामान को नहीं बनाती है। पांच साल से सिथेंटिक ट्रैक बिछाने का प्लान तक नहीं बना रमेश हांडा ने बताया कि सेक्टर-7 के स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में सिथेटिक ट्रैक बनाने का शोर सालों से डाला जा रहा है, लेकिन यूटी स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट पांच साल में सिथेटिक ट्रैक को बिछाने का प्लान तक नहीं सका है। दो साल पहले इस एथलेटिक्स ट्रैक पर सिथेटिक ट्रैक बिछाने के लिए ग्रांट भी जारी हो गई थी, लेकिन प्लानिग नहीं होने की वह ग्रांट वापस हो गई। पिछले साल भी सिथेटिक ट्रैक बिछाने के लिए ग्रांट जारी हुई थी, जिसे प्रशासन ने कोरोना महामारी के दौरान अन्य खर्चों में इस्तेमाल कर दिया। अगर यह काम शुरू हो गया होता, तो यकीनन इस ग्रांट का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपमेंट में होता। नेशनल स्तर के इवेंट्स करवाने में ही होती दिक्कत एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव प्रोफेसर रविद्र चौधरी ने बताया कि हम खुद चाहते हैं कि नेशनल स्तर की एथलीट मीट शहर में हों, लेकिन सिथेटिक ट्रैक नहीं होने की वजह से यह टूर्नामेंट शहर में आयोजित नहीं हो पाते हैं। इतना ही नहीं जब शहर के एथलीट्स नेशनल स्तर के टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेते हैं तो वह भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। हमने इन सभी दिक्कतों को लेकर प्रशासक, स्पो‌र्ट्स सेक्रेटरी और स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर को पत्र लिखा है, लेकिन इसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हम जल्द रिमांडर डालेंगे ताकि प्रशासन व स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट नींद से जाग जाए।

-रमेश हांडा, वाइस प्रेसिडेंट, चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन।


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