जन्म से दृष्टिहीन 12 वर्ष की प्रेरणा करती है दूसरों को मोटिवेट, राष्ट्रपति करेंगे जज्बे का सम्मान
जन्म से दृष्टिहीन प्रेरणा ने मोटिवेशनल स्पीकर तौर पर काम करते हुए मिसाल कायम की है। उसकी कामयाबी के पीछे उसकी टीचर मिलना का बड़ा हाथ है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रतिभा को अगर सही दिशा और मंच मिल जाए तो कामयाबी कदम चूम लेती है। एक बार फिर यह साबित कर दिखाया है शहर की 12 वर्षीय प्रेरणा ने। प्रेरणा जन्म से दृष्टिहीन होने के बावजूद मोटिवेशनल स्पीकर है। आगामी तीन दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद उसे आउटस्टैंडिग क्रिएटिव चाइल्ड विद डिसेबिलिटीज अवार्ड से सम्मानित करेंगे। प्रेरणा की सफलता के पीछे गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनास की जेबीटी टीचर मिलन का बढ़ा हाथ है। उनकी देखरेख में ही प्रेरणा दूसरों को मोटिवेट करती है। उसके पिता प्राइवेट कंपनी में सिक्योरटी गार्ड और मां गृहणी हैं। प्रेरणा की चार बड़ी और एक छोटी बहन भी है।
टीचर मिलन का अनूठा समर्पण
प्रेरणा जब स्कूल में आई तो उसकी पहली टीचर मिलन थीं। मिलन जेबीटी हैं। मिलन ने प्रेरणा को इतने बेहतर तरीके से मोटिवेट किया और उसे आगे बढऩे की प्रेरणा दी कि प्रेरणा आलराउंडर स्टूडेंट बन गई। वह पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की अन्य एक्टीविटी में भी भाग लेती है। दूसरे स्कूलों में जाकर स्टूडेंट्स को मोटिवेशनल स्पीच देती है। इसके लिए शिक्षिका मिलन ही प्रेरणा को तैयार करती हैं। जब भी कोई कार्यक्रम होता था तो वह ही उसे लेकर जाती थी। मिलन सातवीं क्लास में नहीं पढ़ाती हैं पर लेकिन प्रेरणा का होम वर्क कराने से लेकर उसका हर कार्य पूरी लगन से करावा रही हैं।
प्रेरणा को बनाया ब्रांड एंबेसडर
प्रेरणा को जन्म से ही नहीं दिखता है। हालांकि वह किसी भी टॉपिक पर कई घंटों तक स्पीच दे सकती है। स्पीच भी ऐसी कि हर कोई उसे बड़े ध्यान से सुनता है। प्रेरणा के कार्यों को देखते हुए चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट सीसीपीसीआर भी प्रेरणा को ब्रैंड एंबेसडर चुन चुकी है। इसके अलावा शहर के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन आरएस बराड़ भी प्रेरणा को सम्मानित कर चुके हैं।