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लुबाना और तरनप्रीत की 355 रन की नाबाद साझेदारी से जीता चंडीगढ़

भुवनेश्वर में खेले जा रहे कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी मैच में आखिरी दिन चंडीगढ़ टीम के कप्तान अमृत लुबाना के नाबाद दोहरे शतक और शतकवीर सलामी बल्लेबाल तरनप्रीत के साथ रची नाबाद 355 रन की साझेदारी ने सिक्किम के खिलाफ लगभग हार की कगार पर झूल रही चंडीगढ़ को आठ विकेट से विजयी बनाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 01:28 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:12 AM (IST)
लुबाना और तरनप्रीत की 355 रन की नाबाद साझेदारी से जीता चंडीगढ़
लुबाना और तरनप्रीत की 355 रन की नाबाद साझेदारी से जीता चंडीगढ़

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भुवनेश्वर में खेले जा रहे कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी मैच में आखिरी दिन चंडीगढ़ टीम के कप्तान अमृत लुबाना के नाबाद दोहरे शतक और शतकवीर सलामी बल्लेबाल तरनप्रीत के साथ रची नाबाद 355 रन की साझेदारी ने सिक्किम के खिलाफ लगभग हार की कगार पर झूल रही चंडीगढ़ को आठ विकेट से विजयी बनाया। हालांकि वीरवार को सिक्किम ने एक बार फिर चंडीगढ़ की टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी, लेकिन शुक्रवार को चंडीगढ़ के कप्तान और सलामी बल्लेबाज ने लक्ष्य को पूरा कर टीम को जीत दिलवाई।

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उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ की टीम पहली पारी में सिक्किम के 231 रन के जवाब में 173 पर ढेर हो गई थी। जबकि विपक्षी टीम ने दूसरी पारी में मुकाबले के अंतिम दिन 382 रन बना कर चंडीगढ़ को जीत के लिए 441 रन का लक्ष्य दिया। वहीं इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करने उतरे चंडीगढ़ के कप्तान लुबाना और तरनप्रीत ने ऐतिहासिक पारी खेलकर मैच को जीता। इस जीत के साथ चंडीगढ़ को छह अंक मिले और चंडीगढ़ 29 अंक के साथ प्लेट ग्रुप में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। सात ओवर आखिरी तीन खिलाड़ियों ने बनाए 13 रन

इससे पूर्व, शुक्रवार को अंतिम दिन सिक्किम ने सात विकेट के नुकसान पर 369 रन से आगे खेलना शुरू किया। मैच के शुरू होने के बाद सात ओवर में बाकी तीन खिलाड़ी सिर्फ 13 रन बनाकर आउट हो गए। शुक्रवार को खेल शुरू होते ही 171 पर खेल रहे ओवरनाइट बल्लेबाज मोहम्मद शाहबाज एक रन बनाकर मनदीप सिंह की गेंद आउट हुए। वहीं, सिक्किम की पूरी टीम 382 रन पर आउट हो गई और चंडीगढ़ की टीम को 81 ओवर में 441 रन का लक्ष्य दिया। 55 रन गिरी पहली विकेट

वहीं अपनी दूसरी पारी खेलने उतरी चंडीगढ़ की टीम ने शुरू से ही जीत का मन बनाया हुआ था। सलामी बल्लेबाजों ने पारी की शुरुआत की और 55 रन जोड़े। 13वें ओवर में पार्थ ने तुषार जोशी को 25 के निजी स्कोर पर आउट कर दिया। इसके बाद पार्थ ने ही आयुष सिक्का को दस रन पर चलता किया इस समय चंडीगढ़ का स्कोर दो विकेट पर 86 रन था। चंडीगढ़ पर हार के बादल मंडरा ही रहे थे कि कप्तान अमृत लुबाना मैदान पर उतरे और सलामी बल्लेबाज तरनप्रीत सिंह के साथ न केवल पारी को संभालते नजर आए, बल्कि रन की गति को भी बढ़ाया। लंच के बाद मैच ने रफ्तार पकड़ी और इसी बीच पहले तरनप्रीत ने 142 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। इसके बाद अमृत लुबाना ने भी 95 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। लुबाना के साथ तरनप्रीत ने भी रन गति को तेज बढ़ाया और दोनों ने लगभग एक साथ अपने 150-150 रन को पूरा किया। दस ओवर शेष रहते ही जीता मैच

पारी के 69वें ओवर तक दोनों बल्लेबाजों ने सधी हुई बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए टीम के स्कोर को 400 के पार लगाया। अब तक चंडीगढ़ की जीत लगभग तय हो चुकी थी। लक्ष्य 441 के बेहद करीब कप्तान लुबाना ने 200 रन पूरा किए। जबकि दूसरी बार फिर नाबाद रह तरनप्रीत 195 दोहरे शतक से चूक गए। करीब दस ओवर शेष रहते चंडीगढ़ ने दो विकेट के नुकसान 441 बनाकर मैच आठ विकेट से जीत लिया। टीम अब घर लौट कर अपना अगला मुकाबला सेक्टर-26 स्थित जीएमएमएस स्कूल में 29 जनवरी को ओडिशा के खिलाफ खेलेगी।


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