69 करोड़ से हटेगा चंडीगढ़ में कूड़ा का पहाड़, कल से शुरू होगा काम, प्रशासक बीएल पुरोहित खुद करेंगे उद्घाटन
चंडीगढ़ के डड्डूमाजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड के सबसे बड़े कचरे के पहाड़ को प्रोसेस करने का काम बुधवार से शुरू होगा। सबसे पहले 15 दिन तक कचरे में बैक्टिरिया पैदा करने का काम शुरू किया जाएगा। यह काम अंकाक्षा इंटरप्राइस कंपनी को अलाट किया गया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की खूबसूरती पर सबसे बड़ा दाग डड्डूमाजरा का डंपिंग ग्राउंड है। शहरवासी खासकर डड्डूमाजरा के लोग उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, जिस दिन डंपिंग ग्राउंड से इस कचरे के पहाड़ को हटाने का काम शुरू होना था। वह दिन अब आ गया है। बुधवार यानी कल से कचरे के पहाड़ को हटाने का काम शुरू हो रहा है।
बुधवार सुबह 11 बजे डड्डूमाजरा में इस काम का उद्घाटन खुद प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित करेंगे। कार्यक्रम का शेडेयूल जारी हो चुका है। नगर निगम की तरफ से कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह शहर का एक बड़ा प्रोजेक्ट है।
डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड के सबसे बड़े कचरे के पहाड़ को प्रोसेस करने का काम शुरू होगा। सबसे पहले 15 दिन तक कचरे में बैक्टिरिया पैदा करने का काम शुरू किया जाएगा। यह काम अंकाक्षा इंटरप्राइस कंपनी को अलाट किया गया है। कंपनी को नगर निगम की ओर से 69 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। नगर निगम का दावा है कि अगले साल दिवाली तक कचरे का पहाड़ खत्म हो जाएगा।
45 एकड़ में लगा है कूड़े का पहाड़
डंपिंग ग्राउंड में 45 एकड़ जमीन पर यह कचरे का पहाड़ लगा हुआ है। इस समय यह कचरे का पहाड़ पूरे शहर के लिए सिरदर्द बना हुआ है। नगर निगम के अनुसार जो यह कचरे का पहाड़ बना है इसके लिए जेपी कंपनी जिम्मेदार है। 2 साल पहले तक गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट जेपी कंपनी चलाती थी अब नगर निगम ने इस प्लांट पर अपने कब्जे में ले लिया है।
कंपनी को हरियाणा सरकार कर चुकी है सम्मानित
नगर निगम ने इस कूड़े को प्रोसेस करने का टेंडर जिस कंपनी को अलाट किया गया है उसे हरियाणा सरकार भी सम्मानित कर चुकी है। अकांक्षा इंटरप्राइस कंपनी का दावा है कि उन्होंने कई शहरों में इस तरह के कचरे के पहाड़ को खत्म किया है। कंपनी 13 लाख मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस करेगी। जबकि पहले से कचरे के एक और पहाड़ को प्रोसेस करने का काम चल रहा है, जिस पर 33 करोड़ रुपये का खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इस काम की गति काफी धीमी है।