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12 करोड़ रुपये से जगमग होंगे चंडीगढ़ के साइकिल ट्रैक, लगेंगी 6500 स्ट्रीट लाइटें

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 90 किमी साइकिल ट्रैक बनाया गया है। ट्रैफिक पुलिस साइकिलिस्ट को इन्हीं ट्रैक पर चलने के लिए प्रोत्साहित भी करती रही है। साइक्लिस्ट के साथ साइकिल की सुरक्षा के लिए जगह-जगह स्टैंड भी बनाए जा रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 05:11 PM (IST)
12 करोड़ रुपये से जगमग होंगे चंडीगढ़ के साइकिल ट्रैक, लगेंगी 6500 स्ट्रीट लाइटें
पहले मध्य, जन और दक्षिण मार्ग जैसे प्रमुख रोडों पर साइकिल ट्रैक पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के सभी साइकिल ट्रैक जल्द रोशनी से जगमग होंगे। 12 करोड़ रुपये खर्च कर ट्रैक पर 6500 स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं। इससे साइकिल का सफर रात में भी जोखिम भरा नहीं रहेगा। राइडर रात के समय भी आसानी से ट्रैक पर साइक्लिंग कर सकेंगे। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट स्ट्रीट लाइट लगा रहा है। डिपार्टमेंट ने 14 कंपनियों को 12 करोड़ रुपये में यह काम सौंपा है। पहले मध्य, जन और दक्षिण मार्ग जैसे प्रमुख रोडों पर बने साइकिल ट्रैक पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं। पेड़ों की टहनी बीच में आने से मुख्य रोड पर लगी स्ट्रीट लाइट की रोशनी ट्रैक पर पहुंचती ही नहीं थी। बड़े डार्क स्पॉट खतरे से खाली नहीं हैं। कई बार तो अपराधिक घटनाएं भी इसकी वजह से होती रही हैं। लेकिन अब यह सफर सुरक्षित और सुहाना होगा।

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मुख्य रोड पर चलना जोखिम से भरा

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दो साल में 18 करोड़ रुपये से 90 किलोमीटर साइकिल ट्रैक बनाया जा चुके हैं। ट्रैफिक पुलिस साइकिलिस्ट को इन्हीं ट्रैक पर चलने के लिए प्रोत्साहित भी करती रही है। रात में अंधेरे की वजह से खतरा देख साइक्लिस्ट ट्रैक से मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक के बीच आ जाते हैं। रात में सबसे ज्यादा साइकिलिस्ट रोड पर होते हैं। खासकर कोरोना और लॉकडाउन के बाद साइकिल चलाने का क्रेज कुछ ज्यादा ही तेजी से बढ़ा है। इससे इनकी सुरक्षा प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इसका कारण यह भी है कि सबसे अधिक मौत भी पेडेस्ट्रियन और साइक्लिस्ट की ही होती हैं।

पार्किंग में बनाए गए साइकिल स्टैंड

साइक्लिस्ट के साथ साइकिल की सुरक्षा के लिए जगह-जगह स्टैंड बनाए जा रहे हैं। अब लगभग सभी सेक्टरों में ऐसे साइकिल स्टैंड बन चुके हैं। मार्केट, रोड बर्म, टूरिस्ट स्पॉट पर यह साइकिल स्टैंड बनाए जा रहे हैं। सुखना लेक और अन्य जगहों पर बढ़ते साइकिल राइडर और चोरी को देखते हुए सबसे पहले लेक पर ही स्टैंड बनाए गए। स्टैंड नहीं होने से रेलिंग, पाइप, पोल से साइकिल लॉक किए जा रहे थे। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने तुरंत स्टैंड बनाने के निर्देश दिए थे।

स्ट्रीट लाइट चोरी न हो, इसका भी रखा ध्यान

सालों पहले भी कई साइकिल ट्रैक पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थी। लेकिन पोल की हाइट छोटी होने और अनदेखी से लाइटें चोरी हो गईं थी। वायर और मीटर बॉक्स तक गायब हो गए। अब भी सुरक्षा को लेकर सवाल रहेगा। सेक्टर-22-23 की डिवाइडिंग रोड पर अब भी कई जगह खाली पोल खड़े हैं। हालांकि उस समय ट्रैक भी चुनिंदा ही होते थे।

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