Chandigarh: नशा के कारोबार को शह देने वाले खाकीदारियों पर कार्रवाई कराएगी सीलबंद रिपोर्ट, कोर्ट ने मांगा जवाब
पंजाब-हरियाणा हाई-कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब में ड्रग्स मामलों में पुलिस की भूमिका पर तीन रिपोर्ट खोलकर पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। रिपोर्ट खुलने के बाद नशा कारोबार के आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब में ड्रग्स मामलों में पुलिस की भूमिका पर तीन रिपोर्ट खोलकर पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। रिपोर्ट खुलने के बाद नशा कारोबार के आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
डीजीपी को चार मई तक जवाब देने का आदेश दिया
जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने दोनों पूर्व डीजीपी को चार मई तक जवाब देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने पूर्व डीजीपी और वर्तमान में पंजाब के मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) सुरेश अरोड़ा द्वारा दायर अर्जी को भी स्वीकार कर लिया है। अरोड़ा ने इस मामले में खुद को पक्ष बनाए जाने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि एडवोकेट नवकिरण सिंह ने अर्जी लगाकर कोर्ट से ड्रग्स मामले की रिपोर्ट खोलने की मांग की थी।
कोर्ट ने दोनों डीजीपी से जवाब मांगा
हाई कोर्ट की बेंच ने चट्टोपाध्याय के नेतृत्व वाली एसआईटी द्वारा दायर तीन रिपोर्ट को खोला और कोर्ट रिकार्ड का हिस्सा बनाया। कोर्ट से प्रति मिलने पर इसके अध्ययन के बाद सरकार को कार्रवाई करने को कहा है। वहीं, चौथी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने दोनों डीजीपी से जवाब मांगा।
सुनवाई के दौरान सुरेश अरोड़ा की तरफ से दलील दी गई की चौथी रिपोर्ट न खोली जाए, जबकि राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता गौरव गर्ग धूरीवाला ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार चाहती है कि सभी रिपोर्ट खोली जाएं।हाई कोर्ट को पहली रिपोर्ट 30 जनवरी, 2018 को, दूसरी 14 मार्च, 2018 को और दो अन्य रिपोर्ट आठ मई, 2018 को दी गई थी।
कोर्ट ने चट्टोपाध्याय और दिनकर गुप्ता को नोटिस जारी किया
आठ मई को प्रस्तुत की गई रिपोर्टों में से एक पर केवल चट्टोपाध्याय ने हस्ताक्षर किए थे और एसआईटी के दो अन्य सदस्यों ने खुद को अलग कर लिया था। हाई कोर्ट ने उन सभी रिपोर्ट को रिकार्ड पर ले लिया था और तब भी राज्य सरकार ने केवल चट्टोपाध्याय द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी।
अब सुरेश अरोड़ा ने चट्टोपाध्याय द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट को खोलने पर आपत्ति जताई तो इसकी पृष्ठभूमि पर कोर्ट ने चट्टोपाध्याय और दिनकर गुप्ता को नोटिस जारी किया है। अरोड़ा ने अपनी अर्जी में कहा कि चट्टोपाध्याय ने पुलिस बल के शीर्ष पद पर नियुक्त होने की अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने की दृष्टि से दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया था।
2018 को चट्टोपाध्याय के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी गई थी
वहीं, सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस राय पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता की ओर से पेश हुए और नोटिस प्राप्त किया। इस बीच कोर्ट ने मामले की सुनवाई चार मई तक स्थगित कर दी। इसके साथ ही एक उद्योगपति की आत्महत्या के मामले में पंजाब सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है। इस मामले में चार अप्रैल, 2018 को चट्टोपाध्याय के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी गई थी।
लगता है सरकार कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख गोली चलाना चाहती है। कोर्ट ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे सरकार कोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चलाना चाहती है, क्योंकि पूरा मामला राजनीतिक द्वेष का लग रहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करे। कोर्ट भी रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद दिशा-निर्देश जारी करता रहेगा।