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जागरण सरोकार: चंडीगढ़ पुलिस के सिपाही के जज्बे को सलाम, अपने वेतन से लगाए डेढ़ लाख पौधे

करीब सात साल पहले चंडीगढ़ पुलिस में कास्टेबल भर्ती हुए देवेंद्र सूरा आज पर्यावरण के प्रति जागरुकता अभियान को लेकर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।

By Edited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 03:30 PM (IST)
जागरण सरोकार: चंडीगढ़ पुलिस के सिपाही के जज्बे को सलाम, अपने वेतन से लगाए डेढ़ लाख पौधे
जागरण सरोकार: चंडीगढ़ पुलिस के सिपाही के जज्बे को सलाम, अपने वेतन से लगाए डेढ़ लाख पौधे

चंडीगढ़ [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। यूटी पुलिस के एक सिपाही की छोटी सी शुरुआत एक इतना बड़ा अभियान बन जाएगी शायद किसी ने सोचा नहीं होगा। करीब सात साल पहले चंडीगढ़ पुलिस में कास्टेबल भर्ती हुए देवेंद्र सूरा आज पर्यावरण के प्रति जागरुकता अभियान को लेकर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। वे अब तक डेढ़ लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं। उनके पेड़ लगाओ, भविष्य बचाओ.. अभियान के साथ सैकड़ों युवा भी जुड़ गए हैं।

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एक साधारण साइकिल पर चलने वाले कांस्टेबल देवेंद्र का पौधे लगाने का जुनून ऐसा है कि सैलरी का आधे से अधिक हिस्सा वे पौधे खरीदने और उन्हें लगाने पर खर्च कर देते हैं। सूरा चंडीगढ़ के अलावा, हरियाणा, दिल्ली और यूपी में पेड़ लगाओ, भविष्य बचाओ अभियान के माध्यम से युवाओं की टीम तैयार कर रहे हैं हैं। पर्यावरण को लेकर उनके लगाव के कारण सूरा अपने अधिकारियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। सिटी ब्यूटीफुल की हरियाली ने किया प्रभावित सोनीपत (हरियाणा) के मूल निवासी देवेंद्र बताते हैं 2012 में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती होने आया, तो यहा की हरियाली ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। तभी से उन्होंने चंडीगढ़ की तरह अपने शहर सोनीपत और फिर अन्य शहरों में पौधारोपण अभियान शुरु कर दिया।

वह अभी तक 1 लाख 44 हजार से अधिक विभिन्न किस्मों के पौधे लगा चुके हैं। देवेंद्र काफी साधारण परिवार से हैं। उनके पिता फौज से रिटायर होकर अब एसबीआइ में सिक्योरिटी गार्ड हैं। देवेंद्र बताते हैं कि अपनी सैलरी तो वह पौधों पर खर्च कर देते हैं, ऐसे में पिता ही परिवार का खर्च उठाते हैं। देवेंद्र ने कहा कि शुरुआत में परिवार के लोगों ने उनके काम को लेकर बहुत विरोध किया, लेकिन अब सभी साथ देते हैं। दो एकड़ में खुद की नर्सरी में तैयार करते हैं पौधे देवेंद्र बताते हैं कि पौधों की अच्छी किस्म पर अधिक खर्च होता है। अभी तक वह कई लाख के पौधे खरीद चुके हैं।

बाहर से पौधे खरीदने महंगे पड़ते थे, इसलिए उन्होंने 52 हजार रुपये सालाना कीमत पर गाव में दो एकड़ जमीन उधार लेकर उस पर पौधे लगाने शुरू कर दिए। लोगों को पौधे पहुंचाने के लिए साल भर पहले एक बैलगाड़ी खरीद ली। देवेंद्र चंडीगढ़ में ड्यूटी और सोनीपत दोनों जगह सिर्फ साइकिल का ही प्रयोग करते हैं। उनकी साइकिल के आगे लगे स्टेंड पर हमेशा पौधे रखे हुए मिलेंगे।

7600 युवाओं की टीम भी जुड़ी अभियान से

देवेंद्र के पर्यावरण बचाओ अभियान में 7600 युवाओं की टीम जुड़ चुकी हैं। इसमें लड़के और 60 लड़किया भी शामिल हैं। देवेंद्र के अनुसार टीम के सभी सदस्य लगाए जाने वाले पौधों की देखरेख करने की शपथ लेते हैं। पौधे लगाने के साथ-साथ देवेंद्र युवाओं को साइकिल चलाने और नशे से दूर रहने का भी संदेश देते हैं। 600 युवाओं ने मोटरसाइकिल या गाड़ी छोड़कर साइकिल को अपना लिया है।

उन्होंने बताया कि वह लोगों को जन्मदिन पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। देवेंद्र जरुरत पड़ने पर बिना सैलरी छुंट्टी लेकर भी अपनी अभियान को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते। एक दिन में एक लाख पौधे लगाने की तैयारी देवेंद्र ने इस सीजन में करीब 48 हजार पौधे विभिन्न गांव और शहर में लगाए हैं। उन्होंने सोनीपत जिले के एक गाव बिघल को गोद लिया है, जिसमें 6600 से अधिक पीपल और बड़ के पौधे लगाए हैं।

उन्होंने बताया कि 2019 में उनकी टीम का लक्ष्य एक दिन में एक लाख पौधे लगाने का रिकार्ड बनाना है। जिसके लिए अभी से पौध तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है। देवेंद्र अपने अभियान को हरियाणा के 152 गावों तक फैला चुके हैं। विदेशों से भी मिला सम्मान का ऑफर काम अगर लगन से किया जाए तो सम्मान भी मिलना तय है।

देवेंद्र के पर्यावरण अभियान को लेकर हरियाणा मुख्यमंत्री से लेकर यूटी प्रशासन की ओर से 2018 में स्टेट अवार्ड से नवाजा जा चुका है। डीजीपी चंडीगढ़ संजय बेनीवाल, एसएसपी शशाक आनंद, यूटी के पूर्व गृहसचिव अनुराग अग्रवाल कई अवसरों पर देवेंद्र के काम की प्रशसा कर चुके हैं। देवेंद्र ने बताया कि देश भर के विभिन्न राज्यों से उन्हें इस काम के लिए बधाई संदेश आते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में इंग्लैंड से एक संस्था द्वारा उन्हें सम्मानित करने के लिए निमंत्रण भी मिला है।


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