चंडीगढ़ कांग्रेस में बवाल, देवेंद्र बबला को पार्टी से निकाला, पत्नी के साथ भाजपा में हुए शामिल
कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बबला को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। मालूम हो कि शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला के बीच विवाद हो गया था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बबला (Devender Babla) को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी (party Incharge Harish Chaudhary) ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। वहीं, बबला पत्नी हरप्रीत कौर के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों पति पत्नी को भाजपा का पटका पहनाकर भाजपा में स्वागत किया है। देवेंद्र सिंह बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला इस बार चुनाव जीतकर नगर निगम में पार्षद बनी है। बता दें कि शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला (Subhash Chawla) और देवेंद्र सिंह बबला के बीच विवाद हो गया था।
नगर निगम ऑफिस में शनिवार को नए चुने गए 35 पार्षदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान ही कांग्रेस पार्टी में बगावत के सुर बुलंद हो गए थे। देवेंद्र बबला चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चावला को निगम चुनाव में पार्टी की हार का जिम्मेदार बताया था। बबला ने चावला को गाली तक निकाली थी। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी बबला के खिलाफ एक्शन ले सकती है। हालांकि बबला ने यह भी कहा था कि पार्टी उनपर कार्रवाई करती है तो उन्हें उसकी कोई परवाह नहीं है।
पार्षद हरप्रीत कौर बबला को भाजपा का पटका पहनाते हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ।
उधर, भाजपा ने दोपहर 2:30 बजे पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, जिसमें देवेंद्र बबला पत्नी के साथ भाजपा कार्यालय कमलम पहुंचे और भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद, सांसद किरण खेर और पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन की मौजूदगी में उन्हें पार्टी में शामिल किया गया।
भाजपा नेता संजय टंडन के साथ भाजपा कार्यालय कमलम पहुंचे देवेंद्र सिंह बबला।
चावला और बबला के बीच हुए विवाद के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी को लिखित शिकायत की थी, जिस पर पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने कार्रवाई की है। पार्टी हाईकमान ने बबला की प्राइमरी सदस्यता को भी खारिज किया है। इसके साथ ही अब बबला के पास भाजपा या आम आदमी पार्टी में जाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। वहीं, कांग्रेस पार्टी को शुरू से ही इस बात की सूचना थी कि भाजपा के कई नेता बबला को संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि अगर बबला भाजपा में गए तो पार्टी के पार्षद किसी भी सूरत में भाजपा का मेयर नहीं बनने देंगे।
बता दें कि शनिवार को निगम कार्यालय में दोनों के बीच विवाद होने के बाद ही पार्टी प्रभारी ने बबला के खिलाफ एक्शन ले लिया था। बबला को एक जनवरी को ही पार्टी से निकाला दिया था। पार्टी प्रभारी द्वारा जारी पत्र में 1 जनवरी की तारीख है। जबकि पार्टी की ओर से आज यह पत्र भेजा गया है। ऐसे में चावला समर्थकों का कहना है कि प्रदेशाध्यक्ष के साथ हंगामा करने के तुरंत बाद ही बबला को निकाल दिया था।