चंडीगढ़ में Congress ने mayor के बयान को बताया घबराहट का परिणाम, वार्डों के कार्यों की स्थिति Report मांगी
चंडीगढ़ में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक का कांग्रेस और आप पार्षदों ने बहिष्कार किया, जिससे राजनीति गरमा गई। मेयर ने इसे कर्तव्य की अवहेलना बताया तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए मेयर के बयान को भ्रामक कहा और वार्डों के कार्यों की स्थिति रिपोर्ट मांगी। कांग्रेस ने भाजपा शासित नगर निगम पर विफलताओं और प्रशासनिक अक्षमता का आरोप लगाया। साथ ही विकास कार्यों में रुकावट के लिए मेयर को जिम्मेदार ठहराया।

तस्वीर बैठक से पहले की है, जब कांग्रेस पार्षद शहर के विकास कार्यों के लिए निगम कमिश्नर से मिले थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। विकास कार्यों की प्रगति के लिए बुलाई समीक्षा बैठक का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों द्वारा बहिष्कार करने से चंडीगढ़ की राजनीति गरमा गई है। मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इसे ‘कर्तव्य की अवहेलना’ बताया तो कांग्रेस ने भी पलटवार किया। कांग्रेस ने मेयर के बयान को बेबुनियाद और भ्रामक बताया। साथ ही वार्डों के कार्यों की स्थिति रिपोर्ट मांगी।
कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि मेयर का बयान केवल भाजपा-शासित नगर निगम की लगातार असफलताओं, प्रशासनिक अक्षमता और शहर में ठप पड़े विकास कार्यों से ध्यान हटाने का एक हताश प्रयास है। यह बैठक सिर्फ भाजपा पार्षदों के लिए फोटो-ऑप की नकल भर थी, कोई गंभीर विकास समीक्षा नहीं।
मेयर दूसरों को भाषण देने के बजाय अपना काम करें। बिहार चुनाव परिणामों को चंडीगढ़ के विकास से जोड़ना हास्यास्पद है और दिखाता है कि मेयर को वास्तविक काम से ज्यादा राजनीतिक बयानबाज़ी में रुचि है।
मेयर से ये सब पूछा
- वार्ड-वाइज आवंटित फंड निकलने के महीनों बाद भी अधिकतर कार्य शुरू क्यों नहीं हुए?
- कई वर्क ऑर्डर प्रशासनिक देरी और मेयर कार्यालय की अनदेखी के कारण क्यों अटके पड़े हैं?
- शहर की सड़कें, पार्क, ग्रीन बेल्ट और सफाई व्यवस्था लगातार खराब क्यों होती जा रही है?
- कॉलोनियों और गांवों के निवासी बार-बार शिकायतें करते हैं, फिर भी मेयर चुप क्यों रहती हैं?
- सच्चाई बिल्कुल साफ है: विकास कार्य मेयर और उनके प्रशासन की विफलता के कारण रुके हुए हैं, न कि पार्षदों की वजह से।
- बहिष्कार मेयर की पक्षपातपूर्ण कार्यशैली के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध था
मेयर पर ये आरोप भी लगाए
- 1. मेयर का रवैया खुलकर पक्षपाती है—भाजपा पार्षदों को प्राथमिकता, विपक्ष की आवाज दबाई जाती है।
- 2. बैठक में पारदर्शिता नहीं, कोई दस्तावेज़ नहीं, न ही कोई संरचित एजेंडा।
- 3. पार्षदों द्वारा भेजी गई कई लिखित शिकायतों के बावजूद मेयर कार्यालय ने लंबित मामलों को हल नहीं किया।
कांग्रेस के पार्षद कभी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे
- हर हाउस मीटिंग में विकास मुद्दे उठाए,
- सड़कों, सफाई, कॉलोनियों और गांवों की दिक्कतें उजागर कीं,
- वार्ड-वाइज फंड के बेहतर उपयोग की मांग की,
- चल रहे कार्यों की नियमित स्थिति रिपोर्ट मांगी।
कांग्रेस की मांग और सवाल
- सभी वार्डों के कार्यों की स्थिति रिपोर्ट जारी करें,
- बताएं कि इस मानसून में कई जगहों पर जलभराव क्यों हुआ,
- 25–50 लाख की स्कीम के कई कार्य केवल कागज़ों पर ही क्यों हैं,
- सभी पार्षदों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करें।

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