छाबड़ा बोले- कच्चे तेल की कीमत में भारी कमी का फायदा देश की जनता को दे सरकार
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार तेल की कीमतें कम करती है तो इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। ट्रांसपोर्ट लागत घटने से आवश्यक वस्तुओं के दाम में कमी आएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें शून्य से 10 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई हैं, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। सरकार को इस भारी कमी का फायदा आम लोगों तक पहुंचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों से, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में क्रूड ऑयल की कीमत लगभग 50% -60% तक घटी, लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें उसके अनुरूप बिल्कुल भी कम नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की लागत सितंबर 2013 में लगभग 108 डॉलर प्रति बैरल थी, जो मार्च 2020 में घटकर लगभग 30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। इससे भारत में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए थी लेकिन दामों में कोई कमी नही हुई।
छाबड़ा ने कहा कि यह केंद्र में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण है। जब भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत में जब भी कमी आई है, उसके उलट सरकार ने पेट्रोल,डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल की लागत देश में सभी आवश्यक वस्तुओं की लागत पर सीधे प्रभाव डालती है, क्योंकि पेट्रोल, डीजल की कीमतें घटने व बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्ट की लागत कम नहीं होती है।
आवश्यक वस्तुओं के दाम होंगे कम
इसके अलावा, छाबड़ा ने सरकार से अपील की कि लॉक डाउन के कारण नौकरियों और आय के नुकसान के कारण आम आदमी पहले से ही भारी वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है, अगर सरकार अब देश में ईंधन की कीमतें कम करती है तो यह लोगों को राहत देगा ओर यह ट्रांसपोर्ट लागत को भी कम करने में मदद करेगा और खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नीचे लाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बार उम्मीद है कि सरकार कम से कम अब इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक दिखाएगी और भारत के नागरिकों को कच्चे तेल की कीमतों में कमी का देश की जनता को फायदा देगी।
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