आर्थिक संकट से जूझ रहे कई परिवार, Lockdown खत्म होने तक माफ हो स्कूलों की फीसः कांग्रेस
लोगों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल बिगड़ी हुई है। लॉक डाउन के खुलते ही बच्चों का नया सेशन शुरू होने के कारण परिजनों पर स्कूल की एडमिशन व मासिक फीस का भार पड़ेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने गवर्नर वीपी सिंह बदनोर व एडवाइजर शमनोज परिदा से कहा है कि कर्फ्यू के कारण नौकरी, रोजगार व बिजनेस बिल्कुल ठप हो चुका है। लोगों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल बिगड़ी हुई है। लॉक डाउन के खुलते ही बच्चों का नया सेशन शुरू होने के कारण परिजनों पर स्कूल की एडमिशन व मासिक फीस का भार पड़ेगा, जो उनके लिए देना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए लॉक डाउन के खत्म होने तक सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते बच्चों की मासिक फीस (टयूशन, बस, ऑटो व रिक्शा फीस) बिल्कुल माफ कर देनी चाहिए। इस मुश्किल के समय मे प्रशासन की ओर से उनकी मदद की जानी चाहिए।
छाबड़ा ने अन्य मांग रखते हुए कहा कि हजारों वेंडर, ऑटो रिक्शा चालक व रिक्शा चालक रोज दिहाड़ी कमा कर अपना व अपने परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन कर्फ्यू के कारण इनके कमाने के सारे साधन बिल्कुल बंद हो चुके हैं। वे उधार मांग कर खाने व अन्य खर्चे पूरे कर रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन को इनके लिए एक आर्थिक (नकदी) मदद करनी चाहिए, ताकि उनपर पड़ने वाला भार कम हो सके। कॉलोनियों व गांवों में बहुत से ऐसी आबादी है, जो रोज कमा कर अपना खर्चा पूरा करती है। अब सभी काम बिल्कुल बंद पड़े हैं। प्रशासन को तत्काल इन मुख्य मुद्दों को संज्ञान पर लेते हुए सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।
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