चंडीगढ़ में बीजेपी क्रिकेट एसोसिएशन, एक परिवार के चार-चार लोग शामिल करने का आरोप
संजय टंडन के परिवार से उनके तीनों बेटे सारांश टंडन सत्यम टंडन और शिवम टंडन एसोसिएशन के सदस्य हैं। इसके अलावा उनके कई रिश्तेदारों को भी सदस्य बनाया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन का दूसरा नाम चंडीगढ़ बीजेपी क्रिकेट एसोसिएशन हो गया है। एसोसिएशन में क्रिकेटर कम हैं जबकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन और सुभाष महाजन के करीबी ज्यादा। आलम यह है कि एसोसिएशन में एक ही परिवार के चार-चार सदस्य हैं। ऐसे छाबड़ा गुट ने इसे मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
छाबड़ा गुट की तरफ से वायरल किए जा रहे इस मैसेज में न सिर्फ यूटी क्रिकेट एसोसिएशन पर आरोप लगाए जा रहे हैं बल्कि जिन परिवारों के ज्यादा सदस्य एसोसिएशन में शामिल हैं, उनका ब्योरा भी दिया गया है। छाबड़ा गुट का आरोप है कि यूटीसीए अब चंडीगढ़ बीजेपी क्रिकेट एसोसिएशन हो गई है जोकि भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद से ग्रस्त है। ऐसे में खिलाड़ी इससे न्याय की कैसे उम्मीद कर सकते हैं।
एसोसिएशन में एक ही परिवार के चार-चार लोग शामिल
वायरल मैसेज में बताया कि है कि एसोसिएशन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व गेल के डायरेक्टर संजय टंडन के परिवार से ही कई लोग सदस्य बनाए गए हैं। संजय टंडन के परिवार से उनके तीनों बेटे सारांश टंडन, सत्यम टंडन और शिवम टंडन एसोसिएशन के सदस्य हैं। इसके अलावा उनके कई रिश्तेदारों को भी एसोसिएशन का सदस्य बनाया गया है। सुभाष महाजन की उम्र 70 साल से पार बताई गई है लेकिन फिर एसोसिएशन का सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा उनके बेटे कुणाल महाजन और युवराज महाजन को भी एसोसिएशन का सदस्य बनाया गया है।
वायरल मैसेज में यह भी बताया कि लिस्ट में कितने टंडन के बिजनेस पार्टनर व पूर्व कर्मचारी एसोसिशएन के सदस्य बनाए गए हैं। इसके अलावा भाजपा के पदाधिकारियों, पार्षदों को एसोसिएशन में जगह दी गई है। इतना ही नहीं, कुछ सदस्य पंचकूला-पंजाब से शामिल किए गए हैं।
यूटी क्रिकेट की मान्यता को लेकर सैकड़ों लोगों ने 30 साल तक संघर्ष किया
24 जुलाई 2016 को ही चंडीगढ़ को पुडुचेरी के साथ बीसीसीआइ की मान्यता मिल गई थी लेकिन कुछ चालाक लोगों ने मेरी व्यस्तता का फायदा उठाकर वो पत्र ही गायब कर दिया। यूटीसीए क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिली, इसकी हमें खुशी है लेकिन इस एसोसिएशन को हम एक पारिवारिक दुकान नहीं बनने देंगे। हम इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। यूटीसीए ने लोढ़ा रिफार्म कमेटी की जिन सिफारिशों की अनदेखी की है, हम उन्हें लागू करवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
-प्रदीप छाबड़ा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व यूटीसीए अध्यक्ष
यूटीसीए को मान्यता मिलने के बाद हर काम तेजी से हो रहा है। हमारी टीम विजय हजारे ट्रॉफी खेलने के लिए देहरादून रवाना हो गई है। कुछ लोग तेजी से हो रहे कामों को पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए इस तरह के प्रोपेगेंडा बनाकर यूटीसीए का दुष्प्रचार कर रहे हैं। हर काम में गलती निकालना बहुत आसान है लेकिन काम के वक्त कोई नहीं दिखता है। जो लोग ऐसा प्रोपेगेंडा चला रहे हैं, उन्हें यही सलाह है कि बीसीसीआइ से शिकायत करें, इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना है।
-संजय टंडन, अध्यक्ष, यूटीसीए
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