चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों में नीड बेस्ड चेंज को मंजूरी
हाउसिंग बोर्ड के अलॉटियों के लिए जल्द ही एक और राहत भरी खबर आने वाली है। हाउसिंग बोर्ड के मकानों में नीड बेस्ड चेंज को लेकर शनिवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो हाउसिंग बोर्ड के मकानों में 50 से 75 प्रतिशत तक कवर्ड एरिया में अलॉटियों को नीड बेस्ड चेंज किए जाने को लेकर मंजूरी दी जा सकती है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़:हाउसिंग बोर्ड के अलॉटियों के लिए जल्द ही एक और राहत भरी खबर आने वाली है। हाउसिंग बोर्ड के मकानों में नीड बेस्ड चेंज को लेकर शनिवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो हाउसिंग बोर्ड के मकानों में 50 से 75 प्रतिशत तक कवर्ड एरिया में अलॉटियों को नीड बेस्ड चेंज किए जाने को लेकर मंजूरी दी जा सकती है। इस फैसले पर लगभग अफसरों की सहमति बन गई है। अब केवल अधिकारिक रूप से इस फैसले पर 5 अक्तूबर को हाउसिंग बोर्ड की बैठक में मुहर लगेगी। अफसरों की मानें तो अलॉटियों को मकानों के कैटागिरी के हिसाब से राहत दी जाएगी। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड के अलॉटियों को प्रशासन द्वारा प्रमाणित आर्किटेक के पैनल से सेल्फ सर्टिफिकेशन देना होगा। साथ ही पूरी बालकनी कवर करने के लिए चीफ फायर ऑफिसर से एनओसी लेकर हाउसिंग बोर्ड की कमेटी को सेल्फ सर्टिफिकेशन के तौर पर देनी होगी। इन सब दस्तावेजों के पूरा होने के बाद ही हाउसिंग बोर्ड की ओर से राहत प्रमाण पत्र यानी की नीड बेस्ड चेंज के लिए अनुमति दी जाएगी। सीएचबी के चेयरमैन की मानें तो नीड बेस चेंज के तहत तकरीबन 90 फीसदी बदलावों पर मोहर लग चुकी है।इस फैसले से 25 हजार के करीब अलॉटियों को लाभ मिलेगा। इससे पहले पिछले महीने 29 अगस्त को बोर्ड मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन कोरम पूरा न होने के चलते सिरे नहीं चढ़ पाई थी। आगामी 5 अक्टूबर को होने वाली सीएचबी की मीटिंग में इसे अप्रूवल मिल जाएगी।
बता दें कि शनिवार को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन अजॉय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिसमें बोर्ड के अलॉटियों की ओर से नीड बेस्ड चेंज को लेकर लंबे अरसे से चली आ रही मांगों का देखते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। इस बैठक में चेयरमैन की अध्यक्षता में हाउसिंग बोर्ड के मकानों में नीड बेस्ड चेंज को लेकर कितने प्रतिशत की छूट दी जाए और कितनी कंपाउंडिंग फीस लगाई जा इस पर चर्चा की गई। वहीं सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे को रेगुलराइज करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मीटिंग में सीईओ, चीफ आर्किटेक्ट, चीफ इंजीनियर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
मीटिंग में इन बिंदुओं पर हुआ अहम फैसला
-हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स के बैकयार्ड में 50 प्रतिशत या 150 स्क्वायर फुट से कम हो, उस पर मंजूरी दी गई है।
-ईडब्ल्यूएस, वन रूम, टेनामेंट और एलआईजी कैटेगरी के मकानों को 75 प्रतिशत कवर्ड एरिया या 150 स्क्वायर फुट से कम हो उस पर मंजूरी दी गई है।
-कंपाउंडिंग फीस को 500 रुपए प्रति स्क्वायर फुट रखा गया है।
-बोर्ड नीड बेस्ड चेंज पर लगाई गई एनुअल पेनेल्टी का प्रोविजन भी खत्म करने जा रहा है। इसके एवज में अलॉटियों से वन टाइम सेटलमेंट फीस ली जाएगी।
-कुछ ऐसे इंटरनल बदलावों को भी अप्रूवल मिल सकता है, जिसमें ग्रिल लगाने, फ्रंट कोर्टयार्ड में ग्रिलें लगवाना, स्लाइडिंग ग्रिल्स, मेन गेट की चौड़ाई जैसे बदलाव शामिल हैं।
प्लॉट एरिया में अंदर की तरफ से ग्रिल और गेट बाउंडरी के साथ में लगाने को लेकर।
बालकॉनी में ग्रिल लगाने को लेकर परमिशन मिल सकती है।
साइड बाउंड्री से गेट को फ्रंट बाउंड्री वॉल में शि ट करना।
बालकोनी और बरामदों में ग्लेजिंग की परमिशन।
गाड़ी खड़ी करने के लिए बनी जगह को ट्रासपैरेंट सीट से कवर करने की परमिशन।