परमानेंट लोक अदालत को शिफ्ट करने का चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने किया स्वागत
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भाग सिंह सुहाग ने लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वकीलों की लंबे समय से यह मांग थी कि परमानेंट लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट किया जाए।
चंडीगढ़, जेएनएन। वकीलों की मांग पर परमानेंट लोक अदालत को सेक्टर-43 जिला अदालत में शिफ्ट किया गया है। पहले दिन लोक अदालत में ज्यादा केसों की सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि इसे सेक्टर-9 से सोमवार को ही जिला अदालत में शिफ्ट किया गया था। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भाग सिंह सुहाग ने लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वकीलों की लंबे समय से यह मांग थी कि परमानेंट लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट किया जाए क्योंकि वकीलों का सेक्टर-43 से सेक्टर-9 जाने में काफी समय बर्बाद होता था। उन्होंने यह फैसला लेने के लिए न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जस्टिस जसवंत सिंह और अशोक मान सीजेएम सह सचिव जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण का धन्यवाद किया।
भाग सिंह ने कहा कि वकीलों की मांग को जस्टिस जसवंत सिंह ने गंभीरता से लिया और परमानेंट लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट करने का फैसला लिया। पहले दिन परमानेंट लोक अदालत में ज्यादा केसो की सुनवाई हुई क्योंकि कई लोगों को अभी इसके बारे में नहीं पता है कि लोक अदालत को जिला अदालत में शिफ्ट कर दिया गया है। जिला अदालत में पहले दिन 4 केस मैरिटल डिस्प्यूट के आए थे और सभी का निपटारा उसी समय किया गया।
मध्यस्ता केंद्र में दोनों पक्षों को बैठा कर उनकी पूरी बात सुनी गई जिसके बाद उनकी काउंसलिंग की गई और सभी पक्षों ने अपने मतभेद भुला कर आपस में सुलह की। इसके अलावा दो केस बैंक से संबंधित थे। इनमें लोन की रकम वापस नहीं की गई थी। लोक अदालत से व्यक्ति को लोन वापस करने के लिए दो माह का समय दिया गया है।