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बैंक से लोन लेने के लिए शातिर अपनाता था नए तरीके, पैसा मिलने के बाद हो जाता था फरार, पुलिस ट्रैप में ऐसे फंसा

निजी बैंकों से लोन लेकर पैसा वापस न करने वाले शातिर को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपित को बैंकों की शिकायतों के बारे में पता चल गया था। जिसकी वजह से वह केस दर्ज होने से पहले ही जीरकपुर छोड़कर फरार हो गया था।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 11:59 AM (IST)
बैंक से लोन लेने के लिए शातिर अपनाता था नए तरीके, पैसा मिलने के बाद हो जाता था फरार, पुलिस ट्रैप में ऐसे फंसा
पुलिस ने आरोपित को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। बैंक फ्राड (Bank Fraud) मामले में पुलिस ने एक शातिर को दिल्ली से गिफ्तार किया है। आरोपित बैंक से लोन लेकर वापस नहीं करता था। शातिर ने चंडीगढ़, पंचकूला में कई निजी बैंकों से लाखों रुपये का लोन लिया था और लोन किस्त वापस न करने के बाद पुलिस केस दर्ज होने पर वह फरार हो गया था। वह कई दिनों तक पुलिस से बचता रहा, लेकिन पुलिस उस तक पहुंच ही गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान दिल्ली निवासी सरित कुमार मुर्गई के तौर पर हुई है, जो जीरकपुर स्थित किशनपुरा में रहता था। आरोपित बैंक से लोन लेने के लिए कई तरह की जालसाजी करता था और पैसा मिलने के बाद फरार हो जाता था। पुलिस टीम आरोपित को दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ पहुंच चुकी है।

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पुलिस टीम तकरीबन एक माह से आरोपित की तलाश में लगी थी। पुलिस ने टेक्नीकल सेल की टीम की मदद से आरोपित को दिल्ली में ट्रेस कर दबोचा है। पुलिस को जैसे ही आरोपित के दिल्ली में होने की जानकारी मिली कि टीम रवाना कर वहां ट्रैप लगाकर उसे दबोच लिया। पुलिस का दावा है कि आरोपित के खिलाफ वर्ष 2017 में सेक्टर-17 थाने में बैंक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था, जिसमें उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो प्राइवेट बैंकों से 10 और 16 लाख का लोन लिया था। बैंकों से मिली शिकायतों के आधार पर आरोपित के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होने के बाद वह फरार चल रहा था। अब जाकर आरोपित को दबोचने में सेक्टर-22 पुलिस चौकी की टीम को कामयाबी मिली है।

दरअसल, आरोपित को बैंकों की शिकायतों के बारे में पता चल गया था। जिसकी वजह से वह केस दर्ज होने से पहले ही जीरकपुर छोड़कर फरार हो गया था। वहीं, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित के खिलाफ बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने का मामला दर्ज होने से पहले सेक्टर-26 थाने में आरोपित के खिलाफ 2006 में भी ठगी का केस दर्ज हुआ था। इसके अलावा पंचकूला सेक्टर-20 में भी आरोपित के खिलाफ 2006 में फ्राड का एक केस दर्ज किया था। पुलिस के अनुसार आरोपित एक बैंक से गाड़ी का लोन लेकर दूसरे बैंक में बैंक की जाली एनओसी बनवा लेता था। वहां यह दिखाता था कि उस पर कोई लोन पेंडिंग नहीं है। ऐसे में उसने कई बार बैंक से लोन लेने के बाद उसे वापस नहीं करता था।


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