हाई कोर्ट की फटकार के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने स्कूलों में भरे प्रिंसिपल के रिक्त पद Chandigarh News
यूटी प्रशासन ने 84 में से 83 रिक्त पद भर दिए हैं। यह जानकारी यूटी प्रशासन ने हाई कोर्ट को दी है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के स्कूलों में प्रिंसिपल के रिक्त पड़े पदों के खिलाफ एक याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को लगाई गई फटकार का असर दिखने लगा है। यूटी प्रशासन ने 84 में से 83 रिक्त पद भर दिए हैं। यह जानकारी यूटी प्रशासन ने हाई कोर्ट को दी है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया है। मामले में याचिका दाखिल करते हुए मौलीजागरा निवासी अजय कुमार ने शहर के सरकारी स्कूलों की प्रिंसिपल की गैरमौजूदगी में हुई बदहाली के बारे में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को जानकारी दी थी।
याचिका दाखिल करते हुए उन्होंने बताया कि आरटीआइ से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में 115 सरकारी स्कूल हैं और इनमें से 60 में प्रिंसिपल ही नहीं हैं। प्रिंसीपल न होने के कारण अन्य सीनियर टीचर्स को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसके कारण पूरा प्रबंधन बिगड़ गया है।
12वीं का छात्र अंग्रेजी में लेटर ही नहीं लिख सकता
याची ने कहा था कि शिक्षा का स्तर ऐसा गिरता जा रहा है कि 12वीं का छात्र अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र तक नहीं लिख सकता। यह तो बड़ी दूर की बात है स्लम और कॉलोनी में हाल यह है कि बच्चे अंग्रेजी का एक वाक्य तक लिखने में सक्षम नहीं हैं। प्रिंसिपल की गैरमौजूदगी में न तो शिक्षकों पर कंट्रोल हो पा रहा है और न ही शिक्षकों पर। स्कूलों में छात्राओं से अभद्रता होती है और कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। प्रिंसिपल न होने के कारण आने वाले फंड का फायदा छात्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। याची ने हाई कोर्ट से छात्रों का भविष्य बचाने को गुहार लगाई थी।
सरकारी स्कूलों के सिस्टम पर उठाए थे सवाल
याचिकाकर्ता ने कहा था कि आज के समय मे जहां प्राइवेट स्कूलों से पढ़कर और वहां के एजुकेशन सिस्टम से छात्र प्रतिस्पर्धा मे जोर-शोर से शामिल हो रहे हैं, उस प्रतिस्पर्धा में सरकारी स्कूल के छात्रों का टिक पाना मुश्किल है। ऐसे में एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाना बहुत जरूरी हो गया है। याची ने हाई कोर्ट से अपील की कि सभी स्कूलों में प्रिंसिपल नियुक्त करने के आदेश दिए जाएं।
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