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Chandigarh Immigration Fraud: आज होगी स्टूडेंट्स से 40 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले देविंदर गिल की पेशी

आरोप है कि देविंदर गिल ने चंडीगढ़ और पंजाब में कई इमिग्रेशन कंपनियां बनाईं। यहां स्टूडेंट्स को साढ़े 5 बैंड में ही कनाडा का वीजा दिलाने का वादा किया जाता था और फिर उनसे लाखों रुपए ठग लिए जाते थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 10:59 AM (IST)
Chandigarh Immigration Fraud: आज होगी स्टूडेंट्स से 40 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले देविंदर गिल की पेशी
देविंदर गिल पर आरोप है कि उसने स्टूडेंट्स के साथ 40 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। सांकेतिक चित्र

जासं, चंडीगढ़। विदेश भेजने के नाम पर स्टूडेंट्स से करोड़ों की ठगी करने के आरोपित देविंदर सिंह गिल की मंगलवार को जिला अदालत में पेशी होगी। सोमवार को अदालत ने उसका एक दिन का पुलिस रिमांड दिया था। उसके खिलाफ 337 स्टूडेंट्स ने धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। चंडीगढ़ पुलिस की इकोनॉमिक आफेंस विंग ने उसे 20 सितंबर को सेक्टर-43 डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से गिरफ्तार किया था। पहले वह 4 दिन के रिमांड पर रहा और फिर दो दिन का रिमांड पुलिस को और मिल गया था। दो दिन का रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया था। गिल पर आरोप है कि उसने स्टूडेंट्स के साथ 40 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है।

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स्टूडेंट्स की तरफ से पेश हुए एडवोकेट वरिंदर सिंह ने कहा कि आरोपित पुलिस जांच में सहयोग नहीं दे रहा है। वह हर स्टूडेंट से वीजा लगवाने के नाम पर लाखों रुपए कैश में लेता था। उसने एचसीएफएस नाम से पार्टनरशिप फर्म बनाई थी, जिसके बाद उसने इसी नाम से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना ली लेकिन धोखाधड़ी करने के मकसद से उसमें डायरेक्टर किसी और को बना दिया। उसने एचसीएफएस के अकाउंट में करोड़ों की ट्रांजक्शन की है लेकिन वह पुलिस को कोई रिकॉर्ड नहीं दे रहा है। वह पार्टनरशिप डीड के डॉक्यूमेंट्स भी नहीं दे रहा है। इसलिए उससे पूछताछ के लिए कोर्ट ने एक दिन का रिमांड और दे दिया था। आज भी पुलिस अदालत में आरोपित का रिमांड हासिल करने की कोशिश कर सकती है।

एडवोकेट वरिंदर सिंह का कहना है कि गिल और उसके साथियों का गिरोह ट्राईसिटी के साथ ही पंजाब में काफी सक्रिय है। गिल ने न केवल चंडीगढ़ बल्कि पंजाब में भी ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं जिनसे विदेश भेजने के नाम पर उसने करोड़ों रुपये की ठगी की है। एडवोकेट सिंह ने कहा कि आरोपित गिल ने चंडीगढ़ और पंजाब में कई इमिग्रेशन कंपनियां बनाईं हुई जहां से वह अपना गौरख धंधा चलाता है। ये स्टूडेंट्स को साढ़े 5 बैंड में ही कैनेडा का वीजा दिलाने का वादा करते थे और फिर उनसे लाखों रुपए ठग लेते थे। गिल की पत्नी क्रिस्पी खैहरा भी इस गिरोह में शामिल है और अभी फरार है।एक अन्य आरोपी रुचि वर्मा भी फरार है, जिसे कोर्ट भगौड़ा करार दे चुकी है। 


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