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चंडीगढ़ आप का दावा- पेड पार्किंग कर्मचारियों का हो रहा शोषण, सुबूत के तौर पर बनाया वीडियो

चंडीगढ़ में पेड पार्किंग ठेकेदार कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। इस बात का दावा आम आदमी पार्टी ने किया है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि ठेकेदार कर्मचारियों के वेतन में भी घपलेबाजी कर रहे हैं। उनके पास सुबूत के तौर पर एक वीडियो भी है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:41 AM (IST)
चंडीगढ़ आप का दावा- पेड पार्किंग कर्मचारियों का हो रहा शोषण, सुबूत के तौर पर बनाया वीडियो
चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी नेता प्रेम गर्ग की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में चल रही पेड पार्किंग (Paid Parking) की व्यवस्था पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़ा किया है। आप नेताओं का दावा किया है कि उनके पार्टी नेता योगेश सोनी ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया है, जिसमें कर्मचारी के साथ मजदूरी के भुगतान में अनुचित कटौती की जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि वीडियो से साफ पता चल रहा है कि पार्किंग कांट्रैक्टर कर्मचारियों का शोषण कर रहा है। 

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक प्रेम गर्ग ने कहा कि कर्मचारियों को भुगतान बैंक के बजाय नकद में देना नियमों के विरुद्ध है। सरकार के ठेकेदारों या एजेंटों द्वारा सार्वजनिक उपयोगिता की सेवाओं में लगे लोगों की मजदूरी का भुगतान केवल बैंक द्वारा किया जाना चाहिए। यहां तक कि ठेकेदार कर्मचारियों के वेतन पर पीएफ या ईएसआइ की राशि जमा करने से बचते दिखाई देते हैं, जो कि अवैध है और कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन भी है। रविवार, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे सार्वजनिक छुट्टियों की भी मजदूरी से कटौती कानून के तहत दंडनीय है।

आप के सह संयोजक योगेश सोनी का कहना है कि प्रति माह 6 से 7 हजार की तनख्वाह का भुगतान करना इन गरीब कर्मचारियों का सरासर शोषण है। जिन्हें कानून के अनुसार न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। प्रेम गर्ग ने कहा कि इन तथाकथित स्मार्ट पार्किंग में कर्मचारियों या जनता के लिए कुछ भी स्मार्ट नहीं है। स्मार्ट के नाम पर शहरवासियों के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि नैतिक रूप से इन गरीब कर्मचारियों के प्रमुख नियोक्ता होने के नाते, नगर निगम और प्रशासन को इन लोगों के लिए उचित वेतन सुनिश्चित करना चाहिए, और अपने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय पर और अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करनी चाहिए।


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