गांधी स्मारक निधि को भंग करने की सिफारिश कर अध्यक्ष केके शारदा ने दिया त्यागपत्र
उनके कार्यकाल में भवन में गांधी प्रतिमा का अनावरण तत्कालीन प्रशासक कप्तान सिंह सोलंकी ने किया और दिल्ली के बाद गांधी का दूसरा म्यूजियम बनाया गया।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल एवं चंडीगढ़ की गांधी स्मारक निधि को भंग करने की सिफारिश करते हुए अध्यक्ष केके शारदा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने केंद्रीय संगठन गांधी स्मारक निधि राजघाट को पत्र लिख कर चंडीगढ़ स्थित निधि की वर्तमान कार्यकारणी को भंग करते हुए नई व्यवस्था की सिफारिश की है। शारदा इस संगठन के पिछले 4 वर्षों से अध्यक्ष थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बिना वेतन संगठन को अपनी सेवाएं दी। उनके कार्यकाल में चंडीगढ़ गांधी स्मारक भवन ने कई विकास कार्य किए और संगठन को ऊंचाई तक पहुंचाया।
उनके कार्यकाल में भवन के प्रांगण में गांधी प्रतिमा का अनावरण तत्कालीन प्रशासक एवं पंजाब हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किया। इसके अतिरिक्त दिल्ली के बाद दूसरा गांधी का म्यूजियम बनाया, जिसका उद्धघाटन प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर ने किया। भवन में वातानुकूलित हॉल बनाया गया जिसका उद्घाटन सांसद किरण खेर ने किया और अपने सांसद फंड से सोलर प्लांट लगवाया। शारदा के कार्यकाल में लायब्रेरी, नेचुरल पेथी के कोर्स को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
शारदा जीवन भर खादी मूवमेंट से जुड़े रहे। वे आचार्य विनोवा भावे की संस्था आचार्यकुल के अध्यक्ष और चंडीगढ़ स्वतंत्रता सेनानी संगठन और खादी संस्थान के अध्यक्ष भी है। उनके चार वर्ष के कार्यकाल में गांधी भवन जीवंत रहा और क्षेत्र की बड़ी सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा।
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