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सुखबीर ने कहा- केंद्र राजोआणा को मानवीय आधार को रिहा करे, पंजाब में जाएगा अच्‍छा संदेश

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्‍या के मामले में दोषी करार बलवंत‍ सिंह राजोआणा की सजा माफ करने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार राजाआणा को मानवीस आधार पर रिहा करे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:11 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:11 PM (IST)
सुखबीर ने कहा- केंद्र राजोआणा को मानवीय आधार को रिहा करे, पंजाब में जाएगा अच्‍छा संदेश
शिरोमणि अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल पत्रकारों से बात करते हुए। (एएनआइ)

चंडीगढ़, जेएनएन। शिरोमणि अकाली दल (SAD)  के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक बार फिर बलवंत सिंह राजोआणा का मामला एक बार फिर उठाया है। सुखबीर‍ बादल ने केंद्र सरकार से फिर आग्रह किया है कि वह बलवंत सिंह राजोआणा की सजा माफ कर उसे रिहा करे। राजोआना पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री बेअंत सिंह हत्‍याकांड में दोषी करार दिया।

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शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को एक बार फिर केंद्र सरकार से बलवंत सिंह राजोआणा की सजा माफ करने की अपील की। सुखबीर बादल ने कहा कि राजोआणा को अब रिहा किया जाए। बता दें कि राजोआणा को पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था और उसे फांसी सुनाई गई है। बाद में उसकी सजा आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बलवंत सिंह राजोआणा को मानवीय आधार पर अब जेल से रिहा किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह कदम उठाकर पंजाब में अच्‍छा संदेश देना चाहिए। यह मानवीय भावना के अनुरूप न्याय होगा क्योंकि वह पहले ही अपनी आजीवन सजा से दोगुनी सजा काट चुका है। बादल ने कांग्रेसी नेताओं से भी कहा कि वह राजनीतिक अवसरवादिता से ऊपर उठकर राजोआणा की रिहाई सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि राजोआणा की रिहाई का विरोध करके कैप्टन अमरिंदर ने दिल्ली के लोगों को खुश करने की कोशिश की है जबकि व्यक्तिगत रूप से वह मृत्युदंड के खिलाफ हैं। बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों से आग्रह किया है कि वे इस कदम को जल्द उठाएं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव की पूर्व संध्या पर कैदियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। इस प्रतिबद्धता को देखते हुए राजोआणा को एक भी अधिक दिन के लिए जेल में रखने का कोई औचित्य नही है क्योंकि वह पहले ही 26 सालों से अधिक समय से जेल में कैद में रह चुका है। । उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है।

उन्‍होंने कहा कि राजोआणा ने दस से 14 साल की कैद काटकर लगभग दोगुना समय जेल की सजा काटी है। शिरोमणि अकाली दल ने भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें राजोआणा की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के बाद उनकी रिहाई की मांग की गई थी।शिरोमणि अकाली दल ने विदेशों में भारतीय मिशनों द्वारा बनाए गई सिखों की काली सूची की समीक्षा के लिए समुदाय की मांग को सफलतापूर्वक स्वीकार करवाया और साथ ही राजोआणा को फांसी देने के आदेशों पर रोक लगवाई थी ।


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