मनीमाजरा की पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर की जमानत याचिका को कोर्ट ने किया खारिज
जसविंदर ने वीरवार को याचिका दायर करते हुए दलील दी थी कि उसे इस मामले में फंसाया गया है। पुलिस विभाग के अफसर ही उसे मामले में फंसाने में लगे हुए है।
जालंधर, कुलदीप शुक्ला। पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में आरोपित और फरार चल रही मनीमाजरा की पूर्व एसएचओ इंस्पेक्टर जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जसविंदर कौर ने वीरवार को जिला अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके बाद अदालत ने सीबीअाइ को नोटिस जारी कर शुक्रवार को जवाब दायर करने के लिए कहा था।
अपनी जमानत याचिका में जसविंदर ने दलील देते दी थी कि उसे इस मामले में फंसाया गया है। पुलिस विभाग के अफसर ही उसे मामले में फंसाने में लगे हुए है। क्योंकि वह किसी राजनितिक उद्देश्य के लिए किसी लॉबी से जुड़ी हुई नहीं है। याचिका में दलील दी कि इस पूरे प्रकण में उसका कोई रोल नहीं है।
वहीं यह भी बताया कि किस तरह ईमेल के जरिए पांच जून को उनके पास शिकायत आई और इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच में 21 जून को समझौता हो गया था। इसके पांच दिन बाद शिकायतकर्ता सीबीआइ के पास उसकी शिकायत लेकर पहुंच गया। उसने सभी को गुमराह कर समझौते के पैसों को ही रिश्वत के पैसे बताकर उन्हें फंसाया है।खुद शिकायतकर्ता गुरदीप पर कई मामले चल रहे है।
गुरदीप का नाम जेबीट स्कैम और जॉब फॉर मनी स्कैम में भी जुड़ा हुआ है। मोहाली विजिलेंस ने उस पर केस दर्ज किया हुआ है। मनीमाजरा निवासी गुरदीप सिंह ने बीती 26 जून को सीबीआई को शिकायत दी थी की कि 10 जून को जसविंद्र कौर ने उसे थाने में बुलाया था। जिसके बाद उसे कहा गया कि रणधीर सिंह नाम के व्यक्ति की पत्नी को सरकारी जॉब दिलवाने के नाम पर उसने उससे 27-28 लाख रुपये ठगे हैं और उसकी पत्नी को नौकरी भी नहीं लगवाया।
इस मामले में जसविंदर ने उस पर केस दर्ज नहीं करने की एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। पांच लाख में से पहली किश्त गुरदीप ने बिचौलिए भगवान सिंह को पंजाब के संगरूर में दे दी थी। लेकिन इसके बाद जब वह दूसरी किश्त 29 जून की रात को लेने के लिए पहुंचा तो ट्रैप लगाकर वहां मौजूद सीबीआइ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके अगले दिन ही जसविंदर कौर फरार हो गई थी।
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