एमसी ऑफिस में सीबीआइ की रेड, अफसरों से कई घंटे पूछताछ, रिकॉर्ड कब्जे में
बदनौर शुक्रवार सुबह नगर निगम की सदन की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जिस समय प्रशासक वीपी सिंह बदनौर शुक्रवार सुबह नगर निगम की सदन की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उस समय सीबीआइ की टीम नगर निगम में रिकॉर्ड खंगाल रही थी। सीबीआइ ने चंडीगढ़ विजिलेंस को साथ लेकर नगर निगम की इमारत में रेड की और यहां पर अधिकारियों से सुबह से लेकर शाम तक कई घंटे पूछताछ की और रिकॉर्ड लेकर चले गए। नगर निगम में मेयर की ओर से प्रशासक को सदन में बुलाया गया था। सीबीआइ ने गड़बड़ी के इनपुट मिलने के बाद स्वत: संज्ञान लिया। इनपुट थे कि 2016 से लेकर 2018 तक शहर के जितने भी कम्युनिटी सेंटरों में जिम बने हैं, उनमें एक्सरसाइज करने वाले उपकरण एक ही विशेष कंपनी के लगे हैं। जबकि जिम लगाने के लिए अलग-अलग टेंडर निकाले गए हैं और हर बार अलग-अलग ठेकेदार ने अपनी बिड भरकर उपकरण लगाने का टेंडर लिया है। ऐसे में हर ठेकेदार ने क्यों एक ही विशेष कंपनी द्वारा तैयार गए गए उपकरण लगाए हैं। सीबीआइ के अनुसार इस कंपनी का कार्यालय सेक्टर-17 में हैं और मालिक भाजपा के पूर्व अध्यक्ष का बेटा है। सीबीआइ को मिले इनपुट के अनुसार इन तीन साल में शहर के कम्युनिटी सेंटरो में जिम लगे हैं, वह मार्केट रेट के मुकाबले दोगुनी कीमत पर लगे हैं। सीबीआइ नगर निगम से सारा रिकॉर्ड इकट्ठा करके ले गई है। सदन की बैठक के बाद सीबीआइ ने इंजीनियरिग विग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर संजय अरोड़ा से पूछताछ की। कमिश्नर ने कहा : कर सकते हैं जांच
प्रशासक के आने से पहले ही सीबीआइ की टीम विजिलेंस के साथ नगर निगम में पहुंच गई थी। रिकॉर्ड खंगालने और अधिकारियों से पूछताछ से पहले सीबीआइ टीम डीएसपी आरएस गुंजयाल के नेतृत्व में कमिश्नर केके यादव से भी मुलाकात करने के लिए आई। सीबीआइ ने कमिश्नर को गड़बड़ी के इनपुट की जानकारी दी। कमिश्नर ने भी सीबीआइ के लोगों को कहा कि वे जांच कर सकते हैं। उन्हें हर कर्मचारी सहयोग करेगा। सीबीआइ ने 2016 से लेकर 2018 तक इंजीनियरिग विग में रहे अधिकारियों के नाम की भी सूची तैयार की है। जिम में लगे हैं 25 लाख तक के उपकरण
सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ की टीम ने सेक्टर-18, 19, 22, 21, 47, 48, 49, 39, 40, 37, 38वेस्ट और महिला भवन में लगे जिम के उपकरणों की एनवेंटरी लिस्ट तैयार की है। इस समय शहर के अधिकतर कम्युनिटी सेंटरों के जिम बंद पड़े हैं क्योंकि जिम में ट्रेनर की सुविधा नहीं है। जबकि कम्युनिटी सेंटरों में लाखों रुपये के जिम उपकरण लगे हैं। प्रति जिम में 12 से 25 लाख रुपये तक के उपकरण लगते हैं। 2016 में भाजपा का कब्जा हुआ था एमसी में
2016 में ही भाजपा का नगर निगम में मेयर बना था। जबकि इससे पहले 15 साल तक कांग्रेस का ही हर बार नगर निगम में मेयर बनता था। साल 2016 से लेकर अब तक नगर निगम में भाजपा का ही कब्जा है। मालूम हो कि साल 2016 से ही शहर के पार्को में ओपन एयर जिम लग रहे हैं।