पूर्व डीजीपी सुमेध के खिलाफ अपहरण मामला : CBI को मिला 14 दिन का और समय, 8 जुलाई को होगी सुनवाई
सीबीआइ ने अदालत में अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अभी उनके पास स्टाफ की कमी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्व डीजीपी सुमेध के खिलाफ अपहरण के मामले में जिला अदालत की स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में पंजाब पुलिस की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। लेकिन इस बार भी सीबीआइ अदालत में वह जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई, जो पंजाब पुलिस ने अदालत में याचिका दायर कर उनसे मांगी हुई है। सीबीआइ ने अदालत में अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अभी उनके पास स्टाफ की कमी है। उनका केवल एक तिहाई स्टाफ ही काम पर आ रहा है। ऐसे में रिकॉर्ड ढूंढऩे में उन्हें थोड़ा समय लग रहा है। इसलिए उन्हें और समय दिया जाए। इसके बाद अदालत ने उन्हें 14 दिनों का समय और दे दिया है।
सीबीआइ को वापस मिल गए थे दस्तावेज
अब मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी। पंजाब पुलिस ने सीबीआइ से पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के खिलाफ वर्ष 2008 में की गई जांच के दस्तावेज मांगे हुए हैं, जो सीबीआइ ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जमा करवाए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआइ को वह रिपोर्ट वापस कर दी थी। सीबीआइ ने यह जांच सुमेध सैनी पर 2007 में की थी।
1991 में सुमेध सैनी पर हुआ था अटैक
1991 में चंडीगढ़ के तत्कालीन एसएसपी सुमेध सैनी पर आतंकवादी हमला हुआ था। आरोप है कि इसके बाद सुमेध के इशारे पर मोहाली निवासी बलवंत ङ्क्षसह मुल्तानी को उसके घर से उठवा लिया गया था। घर वालों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में ही बलवंत की मौत हुई। वहीं, पुलिस का कहना था कि वह उनकी गिरफ्त से भाग गया था।