Move to Jagran APP

कॉलेज टीचर्स की रिटायरमेंट आयु सीमा बढ़ाने को लेकर दायर केस में CAT ने सुरक्षित रखा फैसला

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील अर्जुन प्रताप राम ने बताया कि पंजाब की तरह चंडीगढ़ ने भी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 60 से घटाकर 58 कर दी थी। चंडीगढ़ एक यूटी है और यहां के सभी कॉलेज केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में फैसला गलत है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:07 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:07 PM (IST)
कॉलेज टीचर्स की रिटायरमेंट आयु सीमा बढ़ाने को लेकर दायर केस में CAT ने सुरक्षित रखा फैसला
कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 58 वर्ष करने के मामले पर CAT कभी भी फैसला सुना सकती है।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की तरह चंडीगढ़ में भी काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा घटाकर 58 करने के फैसले को शहर के दो कॉलेजों के कुछ टीचर्स ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी। वहीं प्रतिवादी पक्ष के जवाब दायर करने के बाद मंगलवार को दोनों पक्षों में बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कैट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब मामले में कैट कभी भी अपना फैसला सुना सकती हैं। वहीं इससे पहले रिटायरमेंट आयु सीमा 58 वर्ष तय करने के आदेश पर फिलहाल स्टे लगाने की याचिकाकर्ताओं की याचिका को कैट ने खारिज कर दिया था।

कैट में केस दायर करने वालों में सेक्टर दस स्थित गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ. जोगिंदरपाल सिंह, फिजिकल एजुकेशन विभाग के डॉयरेक्टर केएस साही, एसोसिएट प्रोफेसर अलका जैन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार शर्मा और सेक्टर-12 स्थित चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के एसोसिएट प्रोफेसर भीमसेन मल्होत्रा ने उक्त कॅालेजों के प्रिसिंपल, चंडीगढ़ प्रशासन, टेक्नीकल एजुकेशन डिपार्टमेंट, ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) सहित कुल सात विभागों के खिलाफ केस दायर किया है।

loksabha election banner

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील अर्जुन प्रताप राम ने बताया कि पंजाब की तरह चंडीगढ़ ने भी बीते दिनों अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 60 से घटाकर 58 कर दी थी। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ एक यूटी है और यहां के सभी कॉलेज केंद्र सरकार के अधीन है। इन कॉलेजों को केंद्र सरकार से फंडिंग भी होती है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था कि टेक्निकल कॉलेजों में काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा एआइसीटीई के नियमों के मुताबिक होगी, जिसमें आयु सीमा 65 वर्ष का प्रावधान है। लेकिन पंजाब सरकार ने बीतेे दिनों अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 58 कर दी थी, जिसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने भी अपने यहां पर यह नियम लागू कर दिया। उन्हें 58 वर्ष की उम्र में ही रिटायरमेंट दी जा रही है।

प्रतिवादी पक्ष ने दिया ये जवाब
वहीं, प्रतिवादी पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील केके ठाकुर ने याचिकाकर्ताआें की दलीलों का विराेध करते हुए कहा कि पहले जब पंजाब ने आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 की थी तब भी यूटी ने पंजाब नियमों को अपनाकर अपने यहां पर लागू किया था। अब जब पंजाब ने आयु सीमा कम की है तो वह भी उन्होंने अपनाई है। एआइसीटीई के नियमों के तहत उन्हें लाभ मिलता है जो संस्थान केंद्र सरकार के अधीन हो, लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी केंद्र सरकार के अधीन नहीं है। इसलिए नियमों के मुताबिक यहां पर पंजाब के नियम लागू किया जा सकते हैं।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.