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सीएनजी कार ली है तो 7 घंटे की सजा भुगतने के लिए रहें तैयार..

सीएनजी गाड़ी ली है तो रोज 7 घंटे लाइन में लगने के लिए तैयार रहें। इतना समय आपका रोजाना सीएनजी भरवाने में बर्बाद होना तय है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 10:11 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 10:11 AM (IST)
सीएनजी कार ली है तो 7 घंटे की सजा भुगतने के लिए रहें तैयार..
सीएनजी कार ली है तो 7 घंटे की सजा भुगतने के लिए रहें तैयार..

बलवान करिवाल, चंडीगढ़।

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कंप्रैस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) गाड़ी ली है तो रोजाना 7 घंटे लाइन में लगने के लिए तैयार रहें। इतना समय आपका रोजाना सीएनजी भरवाने में बर्बाद होना तय है। प्रदूषण की चिंता और कम खर्च में ज्यादा माइलेज लेने के लालच में जो लोग सीएनजी कार ले चुके हैं अब वह भी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ट्राईसिटी में सीएनजी की गाड़ियां दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। औसतन हर महीने 1 हजार से अधिक गाड़ियां आ रही हैं। जितनी तेजी से गाड़ियां बढ़ रही हैं, सीएनजी पंप नहीं बढ़ रहे। ट्राईसिटी में 30 हजार से अधिक सीएनजी गाड़ियां दौड़ रही हैं। 20 हजार से अधिक ऑटो भी हैं। 50 हजार वाहनों को फिल करने के लिए महज 4 सीएनजी पंप हैं। तीन पंप चंडीगढ़ और एक मोहाली में है। इनमें से भी सेक्टर-44 का पंप ही ऐसा है जो रात 10 के बाद भी खुलता है। बाकी सभी पंपों पर 10 बजे के बाद सीएनजी डालना बंद कर दिया जाता है। ऐसे में इन पंप के सुबह खुलने से रात तक कोई समय ऐसा नहीं होता जब वाहनों की लंबी कतारें नहीं होती। कतारें भी ऐसी नहीं की कुछ देरी के बाद नंबर आ जाए। बल्कि एक लाइन में 200 से अधिक गाड़ियां होती हैं। इसके समानांतर इतनी ही लंबी ऑटो की लाइन भी होती है। एक बार लाइन में लगने का मतलब है कि ढाई से तीन घंटे के बाद ही नंबर आएगा। सुबह शाम के वक्त तो इंतजार चार घंटे से भी अधिक बढ़ जाता है। ट्राईसिटी में सीएनजी और पीएनजी का काम इंडियन ऑयल अदानी गैस लि. (आइओएजी) के पास है। ऐसे कैसे बनेगी क्लीन फ्यूल सिटी

यूटी प्रशासन चंडीगढ़ को क्लीन फ्यूल सिटी बनाने का सपना देख रहा है। टैक्सी को एक साल के अंदर क्लीन फ्यूल में बदलना जरूरी है। इसी कारण टैक्सी में जो भी नई गाड़ियां आ रही हैं वह सीएनजी ही आ रही हैं। अधिकतर ऑटोमोबाइल कंपनियां कंपनी फिटिड सीएनजी किट के साथ गाड़ी दे रही हैं। सीएनजी गाड़ियां तो आसानी से मिल रही हैं, लेकिन इनको रोजाना भरवाना किसी बड़े टास्क से कम नहीं है। ऐसे में सवाल यही है कि ऐसे कैसे शहर क्लीन फ्यूल सिटी बनेगा। साथ ही प्रदूषण का स्तर कैसे कम होगा। सीएनजी पहुंचने को शहर में प्रदूषण खत्म करने के रामबाण के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन यह भी बेअसर होने लगा है। पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां ही लगातार बढ़ रही हैं। पेट्रोल और डीजल के रेट में अंतर कम होने से ज्यादा गाड़ियां पेट्रोल की बिक रही हैं। शहर में हर ढाई महीने में 10 हजार नई निजी और टैक्सी गाड़ियां रजिस्टर्ड हो रही हैं। लोडिंग और दूसरे वाहन इससे अलग हैं। सीएनजी भरवाने में समय बर्बाद

सीएनजी गाड़ी इसलिए ली थी कि इससे प्रदूषण भी कम होगा और यह पेट्रोल डीजल के मुकाबले सस्ती भी है। लेकिन अब पछतावा हो रहा है। सीएनजी भरवाने के लिए कई घंटे लाइन में बर्बाद करने पड़ते हैं। टैक्सी को दिन में दो बार सीएनजी भरवानी पड़ती है। ऐसे में उनके 6-7 घंटे तो इसे भरवाने में ही लग जाते हैं। ऐसे में कमाएंगे कैसे।

देविंद्र सिंह, टैक्सी संचालक। वह रोजाना सोनीपत से चंडीगढ़ किसी अधिकारी को लेकर आते हैं। सोनीपत स्टेशन से सीएनजी भरवा कर लाते हैं जो चंडीगढ़ पहुंचने पर खत्म हो जाती है। इसके बाद आते ही चंडीगढ़ में सीएनजी भरवानी पड़ती है। आते ही लाइन में लग जाते हैं। कई घंटों बाद नंबर पड़ता है। जिस कारण वह रेस्ट तक नहीं कर पाते। कई और पंप खोलने चाहिए।

पवन, कार चालक कई सीएनजी पंप शुरू करने की योजना है। इसको लेकर काम चल रहा है। इससे जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। मोहाली और चंडीगढ़ दोनों जगह और पंप शुरू होने हैं।

संजय तरत, प्रोजेक्ट हेड, इंडियन ऑयल अदानी गैस लि.।


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