Move to Jagran APP

कैप्‍टन की नई पेशकश : एक कार्यक्रम की मेजबानी सरकार करे, दूसरे की SGPC और साझा करें मंच

गुरु श्री नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर में अमरिंदर सरकार ने नया प्रस्‍ताव दिया है। इसमें सरकार और एसजीसीपी द्वारा एक-एक कार्यक्रम की मेजबानी करने की बात कही गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 09:23 AM (IST)
कैप्‍टन की नई पेशकश : एक कार्यक्रम की मेजबानी सरकार करे, दूसरे की SGPC और साझा करें मंच
कैप्‍टन की नई पेशकश : एक कार्यक्रम की मेजबानी सरकार करे, दूसरे की SGPC और साझा करें मंच

चंडीगढ़, जेएनएन। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के समारोह के साझा आयोजन को लेकर जारी गतिरोध के हल के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक नया फॉर्मूला सुझाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को 12 नवंबर के कार्यक्रम में राज्य सरकार के साथ रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति शामिल होने वाले हैं। एसजीपीसी 11 नवंबर के कार्यक्रम का आयोजन अपने मुताबिक कर सकती है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शिरकत करने की संभावना है।

loksabha election banner

12 नवंबर के कार्यक्रम में राज्य सरकार के साथ रहे एसजीपीसी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 नवंबर को श्री सुल्तानपुर लोधी गुरुद्वारा के अंदर एसजीपीसी की ओर से लगाई गई स्टेज को एसजीपीसी और पंजाब सरकार की साझा स्टेज के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। 12 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति आएंगे, इसलिए बेहतर होगा कि राज्य सरकार 12 नवंबर के कार्यक्रम की मेजबानी करे।

11 नवंबर के समारोह का आयोजन अपने मुताबिक करे शिरोमणि कमेटी

मुख्यमंत्री ने यह सुझाव एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल के साथ बैठक के दौरान पेश किया। मुख्यमंत्री ने लौंगोवाल को इस बैठक के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने समारोह को लेकर जारी खींचतान पर कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर सिख समुदाय में एकजुटता की कमी गंभीर चिंता का विषय है। समारोह के दौरान होने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसी हस्तियों के शामिल होने के चलते सिख समुदाय में एकजुटता की कमी परेशानी का सबब बन सकती है।

उन्‍होंने कहा कि ऐसे अवसरों पर सिख समुदाय ने हमेशा एकजुटता का परिचय दिया है और इस परंपरा से हटने से सिख समुदाय को अपूर्णीय क्षति हो सकती है। इस दौरान लौंगोवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति ने क्रमश: 11 और 12 नवंबर के समारोह में शिरकत करने की मंजूरी दे दी है।

एसजीपीसी जल्द देगी जवाब

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि एसजीपीसी स्टेज साझा करती है, तो लोगों के बीच कार्यक्रमों के आयोजनों को लेकर जारी गलतफहमी भी दूर हो जाएगी। इससे सिख समुदाय में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। लौंगोवाल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया है कि एसजीपीसी उनके प्रस्ताव पर गौर करके जल्द ही अपना जवाब देगी। बैठक में जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार भी उपस्थित थे।

यह है विवाद

गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबान की बैठक के बाद पंजाब सरकार ने कहा था कि वह अपना अलग मंच लगाएगी। दूसरी तरफ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि मुख्य मंच एसजीपीसी का होगा और कार्यक्रम का संचालन भी एसजीपीसी ही करेगी। उन्होंने पंजाब सरकार के उस प्रस्ताव को रद कर दिया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि वह स्टेज तैयार करके देगी और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के नेतृत्व में सारे कार्यक्रम उसी स्टेज पर आयोजित किए जाएंगे।

दरअसल मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को बिठाने को लेकर पंजाब सरकार को आपत्ति थी। उसका कहना था कि किसी एक सियासी पार्टी के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री को अगर मंच पर बिठाया जाएगा, तो अन्य पार्टियों के प्रधानों को भी बिठाना पड़ेगा। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बीच का रास्ता अपनाते हुए मुख्य समारोह एसजीपीसी को सौंपकर बादल को मंच पर बिठाने का रास्ता साफ कर दिया था।

यह भी पढ़ें: पंजाब भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष कमल शर्मा का निधन, दो घंटे पहले ही दीवाली की बधाई

वहीं, पंजाब सरकार को अलग से स्टेज लगाने की भी इजाजत दे दी। यह भी कहा गया था कि सियासी पार्टियां भी अपनी स्टेज लगा सकती हैं, लेकिन यहां से कोई सियासी बात नहीं होगी, केवल गुरु नानक साहिब की शिक्षाओं आदि पर बात होगी। मुख्य समारोह की स्टेज पर धार्मिक शख्सियतें, देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या उनके प्रतिनिधि, एसजीपीसी के प्रधान, पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री होंगे। अब कैप्टन फिर से मंच साझा करने का फॉर्मूला दिया है।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.