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कैप्‍टन सरकार पूरे पंजाब को बनाना चाहती है एक मंडी यार्ड, विशेषज्ञ सहमत नहीं

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की काट तलाश रही है। इसके लिए वह पूरे पंजाब को एक मंडी यार्ड बनाने के विकल्‍प परा विचार कर रही है। दूसरी ओर विशेषज्ञों का मत इसके खिलाफ है। वे इससे सहमत नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:30 PM (IST)
कैप्‍टन सरकार पूरे पंजाब को बनाना चाहती है एक मंडी यार्ड, विशेषज्ञ सहमत नहीं
पंजाब मेकं कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते किसान। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बीच पंजाब को एक मंडी यार्ड घोषित करने की मांग ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार केंद्र के कृषि कानूनों की काट की राह तलाश रही है। वह पूरे पंजाब को मंडी यार्ड में तब्‍दील करने के लिए कानून विशेषज्ञों से सलाह ने ले रही है। दूसरी ओर, कृषि विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। वे इस तरह के कदम के खिलाफ हैं।

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शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल लगातार पूरे राज्य को एक मंडी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। अब तक ऐसा न किए जाने पर वह राज्य सरकार को घेर रहे हैं। इसके साथ ही वह दावा भी कर रहे हैं कि अगर कैप्टन सरकार ने ऐसा न किया तो शिअद के सत्ता में आने पर वह ऐसा कदम उठाएंगे। उनके अलावा कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर ऐसा कदम उठाने की मांग कर चुके हैं।

मंडियां संभालना मुश्किल तो घरों और दुकानों पर कैसे रखेंगे नजर

राज्य को एक मंडी यार्ड बनाने के लिए लगातार हो रही बयानबाजी को लेकर कैप्टन सरकार दबाव में दिख रही है। सरकार न तो ऐसा कदम उठाने के हां कर रही है और न ही नहीं कह रही है। कैप्‍टन सरकार अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाई है। यही कारण है कि किसान संगठनों के साथ बैठक में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कानूनी पहलुओं की जांच की जा रही है। एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञों से सुझाव लेने के लिए कहा गया है।

एक मंडी यार्ड को लेकर राज्य में जारी है राजनीतिक बयानबाजी

उधर, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे सुझाव राजनीतिक शगूफे से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं और वह राज्य को एक मंडी बनाने के पक्षधर नहीं हैं। उनका कहना है कि ऐसा कदम उठाने से पहले सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि केंद्र सरकार के पास राज्यों से कहीं ज्यादा अधिकार हैं।

प्रसिद्ध कृषि आर्थिकता विशेषज्ञ पद्मश्री डा. सरदारा सिंह जौहाल ने अपनी फेसबुक वाॅल पर लिखा है कि यह केंद्र सरकार के साथ विवाद को उलझाने वाला सुझाव है। अगर पंजाब को एक मंडी यार्ड बना दिया जाता है तो पूरा राज्य फ्री मंडी बन जाएगा, फिर चाहे नए एक्ट लागू हों या न हों। हर दुकान और मकान कानूनी तौर पर मार्केट यार्ड हो जाएगा। मंडी यार्ड या सब यार्ड में स्टाफ खरीद व बिक्री की निगरानी करता है परंतु पूरे राज्य की निगरानी कैसे होगी और कौन करेगा।

पटियाला के पंजाबी यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख डा. सुच्चा सिंह गिल ने कहा कि ऐसा करना कानून के ऊपर एक और कानून बनाने जैसा है। केंद्र ने कानून बनाते समय इस पर पहले ही ध्यान दिया है। फार्म गेट, कोल्ड स्टोर, फैक्टरी एरिया को मंडी एरिया घोषित किया हुआ है।

उनका कहना है कि अगर राज्य सरकार ने ऐसा किया तो निश्चित तौर पर उन्हें आवासीय क्षेत्र, खेतों आदि को छूट देनी होगी। परंतु, इन्हें मंडी यार्ड कैसे घोषित किया जा सकता है। विशेषज्ञों के सुझावों पर गौर किया जाए तो यही लगा है कि शायद इसी कारण सरकार राज्य को एक मंडी बनाने में जल्दबाजी नहीं कर रही।

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