लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कैप्टन सरकार ने उठाया बड़ा कदम, इस श्रेणी के लोगों की पौ बारह
पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य में बीपीएल की परिभाषा बदल दी है और इसका दायरा बढ़ा दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने अपने कदम से प्रदेश के लोगाें को बड़ी राहत दी है। पंजाब सरकार ने फ्री बिजली के लिए बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) की परिभाषा को ही बदल दिया है। इससे साल में 3000 यूनिट बिजली का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी अब बीपीएल के दायरे में आएगा। एससी-बीसी को भी इसका लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से 1.17 लाख परिवार पुन: सब्सिडी के दायरे में आ जाएंगे। सरकार पर 163 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
एससी-बीसी व बीपीएल परिवारों के लिए बिजली की 3000 यूनिटों की सालाना सीमा खत्म
पंजाब सरकार की ओर से एससी-बीसी और बीपीएल परिवारों को प्रति माह 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाती है। 200 यूनिट से अधिक बिजली खपत होने पर इसके दायरे में आने वाले परिवार को अतिरिक्त यूनिट का ही भुगतान करना पड़ता है। लेकिन एक वर्ष में 3000 यूनिट से ज्यादा का प्रयोग होने की सूरत में ऐसे परिवार को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता था। उसे खर्च की गई बिजली का भुगतान करना पड़ता था। अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
यह होगी नई व्यवस्था
पंजाब सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए 3000 यूनिट की अधिकतम सीमा को खत्म कर दिया है। यानी 200 यूनिट बिजली तो फ्री मिलेगी ही, साथ में अगर उपभोक्ता वर्ष में 3000 यूनिट से ज्यादा का भी प्रयोग करता है तो उसे संपूर्ण प्रयोग किए गए बिजली का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
पंजाब में 17.76 लाख एससी घरेलू बिजली उपभोक्ता, गैर-एससी बीपीएल घरेलू उपभोक्ता, पिछड़ी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ता हैं। बिजली सब्सिडी की यह सुविधा एक किलोवाट लोड लेने वाले उपभोक्ताओं को ही मिलती है। 3000 यूनिट सालाना की सीमा तय होने से 1.17 लाख परिवार इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाते थे। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1253 करोड़ रुपये का सब्सिडी का बोझ पड़ता है।
इनकम टैक्स देने वालों को सुविधा नहीं
सरकार ने इस स्कीम के अधीन इनकम टैक्स अदा करने वाले को प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा पर रोक लगा दी है।