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आंदोलन की धमकी के बाद बैकफुट पर कैप्‍टन सरकार, अध्यापकों के तबादले व निलंबन रद

शिक्षकों द्वारा आंदोलन की धमकी देने के बाद पंजाब की कैप्‍टन सरकार बैकफुट पर आ गई है। सरकार ने शिक्षकोंं के तबादले और निलंबन को रद कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 12:26 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 09:07 PM (IST)
आंदोलन की धमकी के बाद बैकफुट पर कैप्‍टन सरकार, अध्यापकों के तबादले व निलंबन रद
आंदोलन की धमकी के बाद बैकफुट पर कैप्‍टन सरकार, अध्यापकों के तबादले व निलंबन रद

जेएनएन, चंडीगढ़/पटियाला। 27 जनवरी को अध्यापकों द्वारा राज्य स्तर पर शिक्षा मंत्री के आवास के घेराव के एेलान के बाद पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार और शिक्षामंत्री ओपी सोनी बैकफुट पर आ गए हैं। इसके बाद उन्होंने अध्यापकों के टर्मिनेशन, सस्पेंशन व तबादले रद दिए।

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बता दें कि पटियाला में अध्यापक साझा मोर्चा के पक्के मोर्चे के दौरान प्रदर्शन में शामिल होने वाले अध्यापकों में से पांच एसएसए रमसा अध्यापक नेताओं को टर्मिनेट कर दिया गया था। इसके साथ ही कई अध्यापकों को सस्पेंड करने के साथ-साथ तबादले भी किए गए थे।

महानिदेशक (स्कूल एजुकेशन) द्वारा पत्र जारी कर बिना शर्त सभी अध्यापकों की बहाली के आदेश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि शिक्षा मंत्री के साथ अध्यापक जत्थेबंदियों की मीटिंग में अपील की गई थी कि एसएसए रमसा अध्यापकों को कम वेतन पर रेगुलर करने के फैसले के खिलाफ रोष प्रकट किया जा रहा था और बच्चों की पढ़ाई का नुकसान करने का पांचों अध्यापकों हरदीप टोडरपुर, भरत कुमार, हरविंदर, दीदार मुद्दकी और हरजीत जीता का कोई इरादा नहीं था। इनके केस पर हमदर्दी से विचार किया जाए।

इसके जवाब में शिक्षा मंत्री द्वारा मामले को दोबारा रिव्यू करने के लिए बनाई कमेटी द्वारा अध्यापकों को बहाल करने की सिफारिश की गई। वही इन अध्यापकों के टर्मिनेशन पीरियड के दौरान उनकी छुट्टी में से उस पीरियड को एडजस्ट करने के आदेश भी जारी किए गए। इसके साथ ही अध्यापकों और शिक्षा मंत्री के बीच वेतन कटौती को लेकर चले विवाद के दौरान हुई सभी सस्पेंशन व तबादले भी रद कर दिए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को फिर से पुराने स्टेशनों पर तैनात किया जाए। इसके अलावा पटियाला में 56 दिन चले प्रदर्शन के बाद हुई बदलियों के दौरान स्टेशन पर हाजिर न होने वाले अध्यापकों को भी राहत दी गई है। इस दौरान की उनकी छुट्टी मंजूर करने के आदेश दिए गए हैं।

टीचर्स यूनियन की मुख्यमंत्री संग बैठक 8 फरवरी को

बता दें कि अध्यापक संघर्ष कमेटी और शिक्षा मंत्री के बीच वीरवार को चंडीगढ़ में पैनल मीटिंग हुई। इसमें शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों की मांगें मानने और उस संबंधी आदेश जारी करने का भरोसा दिया और रात होते-होते पत्र भी जारी हो गया। वहीं बचे मसलों को निपटाने के लिए टीचर्स यूनियनों की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक आठ फरवरी को तय की गई है। बैठक में शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार, डीजीएसई प्रशांत गोयल, डीपीआई सेकेंडरी सुखजीत पाल सिंह और डीपीआई एलिमेंट्री इंदरजीत सिंह भी शामिल हुए थे।

इन मुद्दों पर बनी सहमति

- ऑप्शन क्लिक न करने वाले एसएसए रमसा अध्यापकों के वेतन कटौती संबंधी जारी पत्र को वापस लेना

- जनरल श्रेणी के 162 ईटीटी टेट पास नौकरी से निकाले अध्यापकों को नौकरी पर बहाल करना

- हर तरह के कॉन्ट्रेक्ट या कच्चे अध्यापकों को रेगुलर करने और एसएसए रमसा अध्यापकों की वेतन कटौती पे-कमिशन, डीए की किस्त संबंधी 8 फरवरी को मुख्यमंत्री से मीटिंग करना

- 5178 अध्यापकों को रेगुलर करने संबंधी जल्द पत्र जारी करना

- प्राइमरी स्तर के 8134 हेड टीचरों की पोस्टों को बहाल रखने के लिए शिक्षा मंत्री द्वारा कैबिनेट से मंजूर कराना

- मास्टर काडर से लेक्चरर पद पर मुख्य अध्यापकों की पदोन्नति होना और सीनियोरिटी सूची अगले हफ्ते जारी करना


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