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रेत खदान मामले पर घिरी कैप्टन सरकार, राणा गुरजीत निशाने पर

पंजाब की राजनीति में रेत खनन के मामले ने खलबली मचा दी है। इस मामले में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार खासकर कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह निशाने पर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 09:45 AM (IST)
रेत खदान मामले पर घिरी कैप्टन सरकार, राणा गुरजीत निशाने पर
रेत खदान मामले पर घिरी कैप्टन सरकार, राणा गुरजीत निशाने पर

जेएनएन, चंडीगढ़। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी रेत खड्डों की नीलामी में सियासी दखल नहीं रहेगा, लेकिन अब वह खुद इस मामले में घिर गई है। सत्ताधारी कांग्रेस सहित शिअद नेताओं के करीबियों द्वारा भी रेत खदानों को खरीदे जाने का मामला सामने आ रहा है और आरोप लगने शुरू हो गए हैं। इस मामले में राज्‍य के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सीधे निशाने पर आ गए हैं। इससे राज्‍य में सियासी माहौल गर्माया गया है।

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ऊर्जामंत्री राणा गुरजीत के कुक ने दी रेत खड्ड की 26 करोड़ की बोली

रेत के खेल में राजनेताओं की संलिप्तता का खुलासा होने के बाद प्रदेश में हंगामा हो गया है। पता चला है कि ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कंपनी राणा शुगर के कुक ने 26.51 करोड़ रुपये में शहीद भगत सिंह नगर के एक खड्ड की सफल बोली डाली। इसी कंपनी के कुलविंदर पाल सिंह ने शहीद भगत सिंह नगर की मेहदीपुर की खड्ड के लिए 9.21 करोड़ रुपये की सफल बोली दी। इन मामलों के सामने आते ही सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। अब विभाग भी सफल बोलीदाताओं के नाम उजागर करने से कतरा रहा है।

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विपक्ष ने की राणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग

सूत्र बताते हैं कि पंजाब में जितनी भी रेत खड्डों की बोली हुई है उनमें से सभी पर कांग्रेस और अकाली दल के कई नेताअों व विधायकों का अप्रत्यक्ष बोलबाला है। किसी ने अपने नाम पर तो बोली नहीं दी लेकिन सफल बोलीदाताओं के पीछे राजनेता ही बताए जा रहे हैं।

नवांशहर, पठानकोट, तरनतारन आदि जिलों कांग्रेस नेताओं का नाम सामने आ रहा है। उल्लेखनीय है कि 19-20 मई को पंजाब की 89 रेत खड्डों की ई-नीलामी हुई थी जिसमें करीब 46 सफल बोलीदाताओं ने सरकारी खजाने में पैसा जमा करवा दिया था लेकिन अन्य ने पैसा नहीं जमा करवाया।

राणा गुरजीत सिंह का नाम आते ही राजनीतिक पार्टियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर राणा के विरुद्ध कार्रवाई करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी के विधायक व नेता प्रतिपक्ष के एडवोकेट एचएस फूलका ने मुख्यमंत्री से राणा के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। शिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा व पूर्व मंत्री भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने भी कुक और ऑफिस स्टाफ के नाम पर बेनामी लेनदेन के माध्यम से रेत- बजरी खदानों को प्राप्त करने के लिए राणा गुरजीत सिंह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।

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रेत खनन से संबंध नहीं : राणा गुरजीत

राणा गुरजीत सिंह का कहना है कि उनकी और उनकी कंपनी राणा शुगर लि. की रेत खनन उद्योग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय या अन्य किसी प्रकार की कोई हिस्सेदारी नहीं है। उनके परिवार या उनकी कंपनी के कर्मचारियों का रेत खनन उद्योग के साथ कोई संबंध नहीं है। उक्त दोनों कर्मचारी बहुत पहले ही उनकी कंपनी से नौकरी छोड़ गए थे।

 


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