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लंच पर अमरिंदर और सिद्धू ने दूर की कड़वाहट, कैप्‍टन ने दिया पजाब कैबिनेट में मंत्री पद का ऑफर

पंजाब कांग्रेस में आज लंच डिप्‍लोमेसी काफी हद तक कामयाब रही। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू ने आज लंच पर अपनी कड़वाहट समाप्‍त की और गिले-शिकवे दूर किए। कैप्‍टन ने सिद्धू को मंत्री पद की पेशकश की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:08 PM (IST)
लंच पर अमरिंदर और सिद्धू ने दूर की कड़वाहट, कैप्‍टन ने दिया पजाब कैबिनेट में मंत्री पद का ऑफर
कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और नवजाेत सिंह सिद्धु।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब कांग्रेस की लंच डिप्‍लोमेसी आज काफी हद तक सफल रही। पार्टी की अपने दो दिग्‍गज नेताओं का विवाद समाप्‍त कर उनके करीब लाने की कोशिश कामयाब होती दिखी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने लंच पर अपनी कड़वाहट दूर की और पिछले दिनों के गिले-शिकवे दूर किए। कैप्‍टन अमरिंदर ने इस मौके पर सिद्धू को पंजाब कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर दिया। माना जा रहा है कि सिद्धू जल्‍द ही पंजाब में मंत्री का पद संभालेंगे, वैसे विभाग को लेकर फिर पंगा हो सकता है।

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बता दें कि मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर‍ सिंह ने नवजाेत सिंह सिद्धू से सभी विवादों को समाप्‍त करने के लिए उनको आज लंच पर बुलाया था। सिद्धू और कैप्‍टन अमरिंदर ने दोपहर के भोजन के दौरान करीब एक घंटे का समय साथ बिताया। इस दौरान दोनों ही नेताओं ने पंजाब और राष्ट्रीय राजनीति पर भी चर्चा की। सिद्धू दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री के फार्म हाउस पर पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर बताया कि दोनों ही नेताओं के बीच में काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई।

वहीं, लंच डिप्लोमेसी के दौरान मुख्यमंत्री ने सिद्धू को पुनः कैबिनेट में आने का भी न्योता दिया। माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर एक बार फिर सिद्धू को बिजली विभाग देने चाहते है। इसके साथ उन्‍हें शहरी विकास जैसा विभाग भी दिया जा सकता है। यह शही विकास विभाग अभी मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर के करीबी मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया के पास है।

बता दें कि 2019 में जब सिद्धू ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया था तो उन्‍हें उससे पहले स्‍थानीय निकाय विभाग लेकर बिजली विभाग ही दिया गया था। लेकिन, सिद्धू ने बिजली विभाग का काफी दिनों तक कार्यभार नहीं संभाला था और बाद में अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया था। इसके बाद से सिद्धू एकांतवास और राजनीतिक रूप से हाशिये पर चल रहे थे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री उन्हें पुनः बिजली के साथ शहरी विकास विभाग भी देने को मान गए है। हालांकि अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि सिद्धू ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को स्वीकार किया या नहीं।

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