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पंजाबी सिनेमा के 'अमिताभ बच्चन' की आखिर सरकार ने ली सुध, अमरिंदर ने उठाया कदम

पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्‍चन के नाम से प्रसिद्ध रहे अभिनेता सतीश कौल की बुरी हालत में हैं। उनके बारे में जानकारी मिलने के बाद सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह मदद के लिए सामने आए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 10:56 AM (IST)
पंजाबी सिनेमा के 'अमिताभ बच्चन' की आखिर सरकार ने ली सुध, अमरिंदर ने उठाया कदम
पंजाबी सिनेमा के 'अमिताभ बच्चन' की आखिर सरकार ने ली सुध, अमरिंदर ने उठाया कदम

चंडीगढ़/लुधियाना, जेएनएन। पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्‍चन कहने जाने वाले मशहूर एक्‍टर सतीश कौल की हालत पर अाखिरकार पंजाब सरकार को जगा दिया। उनकी खराब हालत के बारे में जानकारी मिलने के बाद मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने मदद का हाथ बढ़ाया है। कैप्‍टन ने लुधियाना के जिला उपायुक्‍त को सतीश कौल के यहां जाकर उनकी हालत की जानकारी लेने और उसकी रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्‍होंने कहा कि पंजाब सरकार सतीश कौल की निश्चित तौर पर और पूरी मदद करेगी।

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सीएम ने लुधियाना के डीसी को हालत जानकर रिपोर्ट देने को कहा, बोले- सरकार करेगी मदद

दैनिक जागरण अौर जागरण.कॉम के माध्‍यम सतीश कौल की हालत और दर्द समाने ओन के बाद कैप्‍टरन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर अपनी चिंता जताई। क‍ैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ' हमारे महान कलाकार सतीश कौल जी की हालत के बारे में जानकर बहुत दुख हुअा। मैेंने लुधियाना के डीसी को उनको पास जाने और उनकी हालत के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। राज्‍य सरकार निश्चित तौर पर उनकी मदद करेगी।'

बता दें कि अभी पंजाबी सिनेता पर राज करने वाले सतीश कौल की हालत बेद खराब है और वह पाई-पाई को मोहताज हैं। वह अपना इलाज कराने की हालत में भी नहीं है। दर्द की इस घड़ी मेें उनको अपना कोई सहारा नजर नहीं आ रहा। उनकी पीड़ा उनके लिखे इन शब्‍दों से समझा जा सकता है। 'मेरे मरने की जल्द तारीख लिख दो, कैसे बर्बाद हो रहा मेरा बुढ़ापा लिख दो और लिख दो कैसे मेरे होंठ खुशी को तरस रहे, कैसे बरस रहा मेरी आंखों का पानी लिख दो'। ये पंक्यिां उनकी तन्हाइयों को बयां करने के लिए काफी हैं।

सतीश कौल आज पाई-पाई को मोहताज हैं। रही सही कसर सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी से मिलने वाली पेंशन रोक कर पूरी कर दी थी। 30 साल तक पंजाबी और हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले अब गुमनामी की जिंदगी जीने को विवश हैा। उनका जन्म 8 सितंबर 1954 को कश्मीर में हुआ। पिता मोहन लाल कौल मौसिकी (शायरी) करते थे। उन्होंने कश्मीर की मौसिकी को दुनिया भर में प्रसिद्ध किया।

सतीश कौल ने बताया कि पिता के कहने पर 1969 में पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में ग्रेजुएशन के लिए गया था। वहां जया बच्चन, डैनी और शत्रुघ्न सिन्हा का बैच मेट रहा। सतीश कौल ने 1973 में पहली फिल्म की और बाद में 300 से भी ज्यादा हिंदी और पंजाबी सिनेमा में काम किया।

सतीश कौल ने बताया कि जुलाई 2014 में बाथरूम में नहाते समय गिर गए और उनका कूल्हा टूट गया। मुंबई के एक अस्पताल में इलाज में सारी जमा पूंजी खर्च हो गई।  उनको ढाई साल तक बेड पर पड़ा रहना पड़ा। इस दौरान पटियाला के एक अस्पताल में भी उनको समय बिताना पड़ा।

सभी साथ छोड़ गए

सतीश कौल ने कहा कि जो कभी हिंदी सिनेमा में साथ थे और अभिनय के समय लंबी आयु की कामना करते थे, साथ छोड़ गए। 2015 में प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय पंजाबी यूनिवर्सिटी से 11 हजार रुपये की पेंशन लग गई। इसके बाद लुधियाना आकर एक्टिंग स्कूल खोला, पर वह फ्लॉप हो गया। बेरुखी ऐसी कि वृद्ध आश्रम में रह रहा था। वहां से चाहने वाली एक महिला अपने घर ले आई। हालात ये हैं कि कांग्रेस सरकार आते ही पेंशन तक रोक दी गई।

सासंद बिट्टू के पास छह चक्कर लगाए, नहीं सुनी बात

बकौल सतीश कौल, मैं सांसद रवनीत बिट्टू के पास छह बार जा चुका हूं, जरूरत सिर्फ पेंशन शुरू करवाने की। इसके अलावा एक घर की मांग है, जो नहीं मिल रहा है। अगर दिलवा दें तो मेहरबानी होगी।

कोई धर्मेद्र जी को ही हाल बता दे

सतीश कौल ने कहा कि मैंने धर्मेंद्र जी, गोविंदा, देवानंद, दिलीप कुमार के साथ फिल्में की हैं। सुना है धर्मेंद्र जी सबका सहयोग करते हैं। मेरे पास उनका संपर्क नंबर नहीं है। अगर कोई उन्हें बताए तो मेरा सहयोग जरूर करेंगे।


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