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नवजोत सिद्धू की गैरमौजूदगी में कैप्टन ने ली बैठक, बिजली चोरी रोकने के आदेश

मंत्रियों के विभाग में फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहली बार ऊर्जा विभाग के कामकाज की समीक्षा की।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 04:38 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 04:58 PM (IST)
नवजोत सिद्धू की गैरमौजूदगी में कैप्टन ने ली बैठक, बिजली चोरी रोकने के आदेश
नवजोत सिद्धू की गैरमौजूदगी में कैप्टन ने ली बैठक, बिजली चोरी रोकने के आदेश

जेएनएन, चंडीगढ़। मंत्रियों के विभाग में फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहली बार ऊर्जा विभाग के कामकाज की समीक्षा की। महत्वपूर्ण यह रहा कि यह बैठक विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गैर मौजूदगी में हुई। सिद्धू कल तक वैष्णो देवी में ध्यान लगा रहे थेेे। उन्होंने विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली है। इस कारण ऊर्जा विभाग का काम प्रभावित हो रहा है। गत दिवस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभाग के काम-काज की समीक्षा की और बिजली चोरी रोकने के आदेश दिए। इन दिनों धान की बिजाई जोरों पर है और राज्य में बिजली की मांग 17.78 फीसद बढ़ गई है।

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बैठक में यह बात निकलकर आई की पाकिस्तान और हरियाणा की सीमा के साथ लगते क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है। पावरकॉम सुरक्षा के अभाव में इसे नहीं रोक पा रहा है। पंजाब स्टेट पार कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के सीएमडी बीएस सरां ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिजली आपूर्ति (यूपीएस) फीडरों पर सबसे अधिक नुकसान सीमावर्ती शहरों भिखीविंड (80 फीसद), पट्टी (71 फीसद), जीरा (61 फीसद) के बाद पातड़ां (57 फीसद), बाघापुराना में (55 फीसद), तरनतारन (51 फीसद) और अजनाला (50 फीसद) का हो रहा है। सीएमडी की ओर से मुद्दा उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों व प्रशासन को निर्देश जारी कर मुलाजिमों की सुरक्षा को सुनिश्चित करवाएं।

सब्सिडी के 200 करोड़ जारी

सीएमडी ने पांच हजार करोड़ बकाया सब्सिडी का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने वित्त सचिव अनिरुद्ध तिवारी को फंड जारी करने के निर्देश दिए। देर शाम को वित्त विभाग ने 200 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए। वहीं, मुख्यमंत्री ने सीएमडी से शाहपुरकंडी पावर प्रोजेक्ट को इको-फ्रेंडली हाईड्रोपावर जेनरेशन के वैकल्पिक स्रोत के रूप में विकसित करने के लिए कहा। इसके परिणामस्वरूप पीएसपीसीएल को प्रति वर्ष 250-300 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ होगा। वहीं, सीएमडी ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में कुल बिजली मांग इस साल जून में 17.78 फीसद बढ़ी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 33.31 फीसद बढ़ोतरी हुई है। वहीं, जून माह में यह वृद्धि 37 फीसद है।

2268 मिलियन यूनिट बिजली बेची

पीएसपीसीएल ने 2018-19 के दौरान एक्सचेंज और निविदाओं के माध्यम से 2268 मिलियन यूनिट बिजली बेची। यह जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों को बैंकिंग व्यवस्था के तहत बेची गई। बैठक में सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग और वाणिज्य विनी महाजन, प्रमुख सचिव विद्युत ए वेणु प्रसाद आदि भी उपस्थित थे।

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