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कैबिनेट बैठकः पंजाब में अब पुलिस भी कर सकेगी नशा तस्करों की संपत्ति कुर्क व अटैच

पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में संपत्ति जब्त करने संबंधी एक्ट को मंजूरी दे दी गई है। इस एक्ट के तहत अब पुलिस भी नशा तस्करों की संपत्ति कुर्क व अटैच कर सकेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 08:13 PM (IST)
कैबिनेट बैठकः पंजाब में अब पुलिस भी कर सकेगी नशा तस्करों की संपत्ति कुर्क व अटैच
कैबिनेट बैठकः पंजाब में अब पुलिस भी कर सकेगी नशा तस्करों की संपत्ति कुर्क व अटैच

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस अब नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टांस (एनडीपीएस) एक्ट के अंतर्गत आरोपी पाए जाने वाले नशा तस्करों की संपत्ति कुर्क व अटैच कर सकेगी। इसके लिए शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने गैर कानूनी ढंग से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने संबंधी पंजाब एक्ट-2017 (पंजाब फोरफीट ऑफ इलीगली एक्वायर्ड प्रॉपर्टी एक्ट, 2017) को स्वीकृति दे दी है, जिससे नशा तस्करों की संपत्ति को कुर्क व अटैच करने की व्यवस्था की गई है।

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यह कानून बन जाने से पुलिस नशा  तस्करों व व्यापारियों की संपत्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सक्षम होगी। पहले यह अधिकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास ही था। इस कानून का प्रारूप पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल के साथ विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। एनडीपीएस एक्ट के अधीन केस दर्ज होने के बाद दोषी अपनी संपत्ति को अपने से अलग नहीं कर सकेंगे। अंतिम रूप में दंड दिए जाने के बाद ही प्रॉपर्टी को जब्त किया जा सकेगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि केस दर्ज होने के समय 6 वर्ष से अधिक पुरानी संपत्ति न ही अटैच होगी और न ही नए एक्ट की व्यवस्थाओं के अधीन कुर्क की जा सकेगी।

10 वर्ष से अधिक सजा का प्रावधान

एनडीपीएस एक्ट-1985 के अधीन किए गए दंड योग्य अपराध के दोषी किसी भी व्यक्ति पर यह नया एक्ट लागू होगा। जिसमें 10 वर्ष या इससे अधिक की सजा की व्यवस्था है। हर उस व्यक्ति जिसके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट-1985 (एक्ट नंबर 46 आफ 1988) के अधीन नजरबंदी के आदेश जारी किए गए हैं, उस पर यह लागू होगा, बशर्ते नजरबंदी के आदेशों को इस एक्ट के अधीन गठित किए गए सलाहकार बोर्ड की रिपोर्ट या माननीय कोर्ट के आदेशों के अनुसार रद नहीं किया गया हो।

आंतकवादी चुनौतियों से निपटने के लिए बनेगी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप

पंजाब सरकार ने आंतकवादी चुनौतियों से निपटने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) बनाने की स्वीकृति दे दी है। नई फोर्स में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए गैर वित्तीय लाभ भी मुहैया करवाये गये हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में सिविल सचिवालय में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।

एसओजी फिदाईन हमलों, अगवा करने की स्थितियों, हथियारबंद व्यक्तियों की घुसपैठ जैसी आंतकवादी चुनौतियों से निपटेगा ताकि बहुमूल्य जानें और सम्पत्तियों के नुकसान से बचा जा सके। बैठक में एसओजी स्थापित करने के लाभ संबंधी विचार विमर्श किया गया। जोकि हथियारबंद हमलों का प्रभावी, उपयुक्त और संभव तौर पर निपटने में मदद देगा। यह ग्रुप जिला पुलिस, सिविल अथॉरिटी, सेना, एनएसजी, आईबी, इंटेलिजेंस विंग आदि जैसी एजेंसियों से लगातार तालमेल करके कार्य करेगा।

विधान सभा का सत्र 27 से 29 नवंबर तक

पंजाब विधान सभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 27 नवंबर से 29 नवंबर तक होगा। यह फैसला मंत्रिमंडल बैठक के दौरान किया गया। मंत्रिमंडल की की ओर से प्रत्येक बुधवार को बाद दोपहर तीन बजे मिलने पर सहमति जताई गई, ताकि सरकार के सुचारु कामकाज को यकीनी बनाने के साथ साथ कांग्रेस सरकार की ओर से शुरु किए गए सुधार कदमों को बढ़ावा दिया जा सके।

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